नई दिल्ली। हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में टॉमेटो फ़्लू (Tomato Flu) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो ये बीमारी बच्चों को सबसे ज्यादा अपना शिकार बना रही है। सरकार द्वारा देशभर में टॉमेटो फ्लु का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और माता-पिता को खास हिदायत दी गई है। उन्हें बताया गया है कि वे कैसे अपने बच्चों को इस इंफेक्शन की चपेट में आने से बचाएं। आपको बता दें कि अब तक दक्षिण भारत में 82 से अधिक बच्चे टॉमेटो फ़्लू (Tomato Flu) का शिकार हो चुके हैं। इसमें भी ये संख्या केरल में सबसे ज्यादा है। साथ ही ओडिशा में भी 26 से ज्यादा बच्चे इसके चपेट में हैं।
बता दें कि टॉमेटो फ्लु संक्रमण वाला ऐसा रोग है जिसमें शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आते हैं। इन फोड़ों में पस भी जमा होता है और इन्हें फोड़ा नहीं जाता। इन फोड़ों का आकार और रंग बिल्कुल टमाटर जैसा है। यही वजह है कि इसका नाम टॉमेटो फ़्लू पड़ा है। इस तेजी से फैलने वाले वायरल इंफेक्शन के फैलने का खतरा ज्यादातर नर्सरी और डे केयर के बच्चों को है।(Tomato Flu)
इससे बचने के लिए केंद्र द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, “यह देखने में आ रहा है कि यह इंफेक्शन हैंड-फूट-माउथ डिजीज का ही एक क्लीनिकल वैरिएंट है जो कि स्कूल जाने वाले बच्चों में अधिक देखा जा रहा है। नवजात शिशु और छोटे बच्चों में नैपीज के इस्तेमाल, अस्वच्छ सतह को छूने और किसी भी चीज को सीधा मुंह में डाल लेने के फाईल रहा है।” यह इंफेक्शन ज्यादातर बच्चों में देखा गया है लेकिन यह वयस्कों को भी अपनी चपेट में ले सकता है।(Tomato Flu)
टॉमेटो फ्लु की कोई निश्चित दवाई या इलाज नहीं
दरअसल टॉमेटो फ्लु की कोई निश्चित दवाई या इलाज नहीं है। इसे वायरल इंफेक्शन की ही तरह ट्रीट किया जाता है, जैसे सभी से दूरी बनाकर रखना, गर्म पानी से रैशेज को साफ करना और तरल पदार्थों का सेवन करना। साथ ही, टॉमेटो फ़्लू (Tomato Flu) होने पर कम से कम 7-10 दिनों तक घर में ही रहने की सलाह दी जाती है। इतने दिन में टमाटर जैसे फोड़े खुद-ब-खुद ठीक होने लगते हैं। सावधानी के लिए बच्चों को समझाएं कि अगर किसी बच्चे को बुखार या किसी तरह का इंफेक्शन हो तो उससे थोडा दूर रहे। उसे गले न लगाएं। बच्चों को रुमाल अपन साथ रखने के लिए कहें और ये भी बताएं कि वह किसी भी चीज को मुंह में ना डालें और साफ़-सफाई का भी ध्यान रखें।(Tomato Flu)
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