
कोरोना वायरस की महामारी पूरी दुनिया में फ़ैल चुकी है, ऐसे में इसको रोल्कने के लिए अनेकों उपाय किए जा रहे है. कुछ दिन पहले अमेरिका के तरफ से भारत को एक दवा के लिए धमकाया गया था. वहीं अब एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पहली चीज तो हमें ये समझना होगा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना में इलाज के लिए कितना एक्टिव ड्रग है.
उन्होंने कहा कि वैसे अभी तक इसका कोई डेटा नहीं है. लेकिन चीन और फ्रांस में हुई विभिन्न स्टडी में देखा गया कि है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने से मरीज में वायरल लोड कम हो जाता है. डॉ गुलेरिया कहते हैं कि लेकिन अभी इस पर अभी बहुत गुड क्वालिटी स्टडी नहीं आई है.
बीते दिनों भी कई एक्सपर्ट में चर्चा हुई थी कि इसे दिया जाए या न जाए. लेकिन ये सोचा गया कि चूंकि ये ड्रग काफी दिनों से दे रहे हैं इसलिए दूसरे ड्रग की तुलना में ये तुलनात्मक सेफ है. लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने में ये ध्यान रखा जाए कि जिन मरीजों को हम मॉनिटर कर रहे हैं, उन्हें ही ये ड्रग दे सकते हैं. खासकर अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों या हेल्थ केयर वर्कर्स को ये दिया जा सकता है. जो लगातार मॉनिटरिंग में रहें. जिन पर इसका असर परखा जा सके.
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