लखनऊ।। पुलिस विभाग में संदेशवाहक यानि चतुर्थ श्रेणी (चपरासी) के 62 पदों के लिये वैसे तो योग्यता पांचवी पास और साथ में साइकिल चलाना आना अनिवार्य है। लेकिन योगीराज में पांचवीं पास योग्यता वाले इस पद के लिये आये 93 हजार आवेदनों में से बड़ी संख्या अब ग्रेजुएट,मास्टर डिग्री,पीएचडी, बी.टेक और एमबीए वालों के आवेदन आये हैं। वहीँ अधिकारीयों के रुख को देखते हुये ऐसा लग रहा है कि इस पद पर पांचवीं पास और इंटर पास वालों का चयन नहीं होगा।
एडीजी पीके तिवारी का कहना है कि इन हाई क्वालिफिकेशन वालों के आवेदनों को देखते हुये इस बार से टेस्ट का पैटर्न बदला जा रहा है। टेस्ट में जनरल नॉलेज, बेसिक मैथ्स और रीजनिंग के सवाल होंगे। संदेशवाहक यानि चपरासी के 62 पदों के लिये हजारों ग्रेजुएट,मास्टर डिग्री वालों के साथ-साथ पीएचडी, बी.टेक और एमबीए कर चुके छात्रों ने भी आवेदन किया है। सिर्फ कुछ हजार ही ऐसे आवेदक हैं जो पांचवीं से 12वीं तक ही पढ़े हुए है। हाई क्वालिफिकेशन के अभ्यर्थियों को दृष्टिगत रखते हुए यदि परीक्षा का पैटर्न बदला जाता है तो इस पांचवी पास न्यूनतम योग्यता वाले पद के लिए आवेदन करने वाले पांचवीं पास और इंटर पास वालों के लिए परीक्षा पास करना टेढ़ी खीर साबित होगा
पुलिस विभाग में पिछले दिनों संदेश वाहकों यानि चापरासियो की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगें गए थे। आवेदनों की भारी संख्या व अभ्यर्थियों की हाई क्वालिफिकेशन वालों की संख्या देख कर चयन बोर्ड के लोग भी आश्चर्यचकित हैं। पुलिस महकमें में संदेशवाहकों का काम डाकिए जैसा है जो पुलिस के टेलिकॉम डिपार्टमेंट से पत्र और डॉक्युमेंट एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस पहुंचाते है। इन हाई क्वालिफिकेशन वालों के आवेदनों को देखते हुये विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- इतनी बड़ी संख्या में उच्च डिग्री धारकों के आवेदन से हमें फायदा हैं।
यदि उच्च-शिक्षित अभ्यर्थी का चयन संदेशवाहक के रूप में होता है, तो हम उन्हें दुसरे कामों में भी लगा सकेंगे। इस तरह संदेशवाहकों को जल्द प्रमोशन भी मिलेगा और यह पुलिस विभाग के लिए करगर साबित होंगे। वैसे देखा जाये तो उप्र में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा रहा है। पिछली सरकार के दौरान सचिवालय में ऐसे ही नियुक्ति के लिए आवेदन मांगें थे।पर भारी सख्यां में आये आवेदनो व हाई ऐजूकेशन वालों की संख्या देख कर परीक्षा रद्द करा दी गई थी।
फोटोः प्रतीकात्मक .
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