UP gov : राजधानी लखनऊ में खुलेआम दिहाड़े व्यापारी का हुआ अपहरण, कपड़े उतारे, वीडियो बनाया फिर लगाया करंट

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अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर बड़े—बड़े वादे करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार को व्यापारी के अपहरण के मामले ने यूपी सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी।जी हां आपको बता दें कि ये अपराध की वारदात कहीं और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही हुई है।

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बतादें कि, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक व्यापारी के अपहरण से सनसनी फैल गई. किडनैपिंग की इस वारदात को लखनऊ स्थित केजीएमयू हॉस्पिटल के बाहर अंजाम दिया गया। किडनैप हुए व्यापारी का नाम मोहन विश्वकर्मा बताया गया है।

घटना के समय वो केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के बाहर खड़े थे, तभी उन्हें बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया गया। बाद में व्यापारी ने बताया कि किडनैपिंग के बाद उन्हें यातनाएं दी गईं। व्यापारी का कहना है कि अपहरण करने वालों ने उन्हें करंट लगाया और काफी मारा-पीटा।

क्या मामला है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोहन विश्वकर्मा ने बताया कि बीती 2 जुलाई को उनकी भतीजी का एक्सिडेंट हो गया था। वो अपनी भतीजी का इलाज कराने के लिए शाम 6 बजे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। कुछ देर बाद उनकी भतीजी का अस्पताल में निधन हो गया था। उसके बाद जब वो ट्रॉमा सेंटर से बाहर आए, तो देखा कि उनके साथी संजय सिंह और आलोक तिवारी कोई 10 अनजान लोगों के साथ ट्रॉमा सेंटर के बाहर खड़े थे।

मोहन विश्वकर्मा ने बताया कि संजय और आलोक व्यापार में उनके साथी हैं। उनका आरोप है कि अन्य किडैनपर्स के साथ मिलकर संजय और आलोक ने उनका अपहरण कर लिया। मोहन के मुताबिक उन लोगों ने हथियार दिखाकर उन्हें गाड़ी में बैठा लिया और मारते-पीटते विभूति खंड इलाके के एक गैराज ले गए। व्यापारी का आरोप है कि अगवा करने वालों ने यहां उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें मारा-पीटा और उनका नग्न वीडियो भी बनाया।

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