लखनऊ। यूपी वन निगम के दस्तावेजो में सर्विस रिकॉर्ड के कागजातों की हेराफेरी की जांच झेल रहे दविंदर सिंह को अब प्रभागीय विक्रय प्रबंधक, यूपी वन निगम लखनऊ के पद का कार्यभार सौंपा गया है। आपको बता दें कि दविंदर सिंह ने विभाग में देवेंदर सिंह के नाम से नियुक्ति पायी थी।
चमत्कारिक तरीके से जिस तरह विभाग के कागजातों में दविंदर सिंह का सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि जन्मतिथि भी बदली, तो लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। उसका असर यह हुआ कि मामले की छानबीन शुरू हो गई। यह सवाल उठना लाजिमी भी था, क्योंकि इसकी वजह से उनका कार्यकाल अचानक बढ़ गया। मामले की एंटी करप्शन जांच शुरू हुई, जो अब तक जारी है।
आपको बता दें कि दविंदर सिंह के आय से अधिक संपत्ति के मामले में शासन ने एंटी करप्शन को जांच सौपी थी, जो अभी चल रही है। जबकि उम्र के संबंध में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से रिपोर्ट मांगी गई है, जो अभी लंबित है। हालांकि दविंदर सिंह अपनी सफाई में बता चुके हैं कि उनके नाम और जन्मतिथि के संबंध में विभागीय गलती की वजह से गड़बड़ी हुई। विभागीय मंत्री का कहना है कि मामले को दिखवाएंगे।
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