CAA को लेकर टूटा मलेशिया का सबर, हिंदुस्तान के खिलाफ कर दिया॰॰॰

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नई दिल्ली॥ हिंदुस्तान सरकार के द्वारा लागू किए गए नागरिकता कानून का देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के मोर्चे पर भी इस कानून को लेकर एक तीखी बहस छिड़ी है। यूरोपियन यूनियन (EU) में इस एक्ट पर चर्चा के लिए प्रस्ताव आया, जिसपर हिंदुस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है।

इस वैश्विक संगठन के अलावा भी मलेशिया, तुर्की समेत कई ऐसे देश हैं जिन्होंने इसका विरोध किया है, वहीं अमेरिका, फ्रांस जैसे बड़े देशों ने इसे हिंदुस्तान का आंतरिक मामला बताया है। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने और उसके बाद CAA लागू करने से दुनियाभर में चर्चा तेज हुई है। इस नागरिकता संशोधन एक्ट पर मलेशिया में क्या रुख रहा है, एक नज़र डालें।

CAA के विरूद्ध यदि किसी देश ने मुखर रूप से इसका विरोध किया है तो वह मलेशिया है। मलेशिया इससे पहले अनुच्छेद 370 के मसले पर भी हिंदुस्तान की आलोचना कर चुका है। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने हिंदुस्तान की नीति को अल्पसंख्यक विरोधी बताया, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में प्रभाव भी पड़ा। हिंदुस्तान की ओर से मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर रोक लगाई गई है, इसके साथ ही अन्य सामानों पर भी सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया गया है।

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