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बीती सात तारीख को को जिस तरह से हमास ने इजराइल पर हमला किया उसने सभी को हैरान कर दिया. यहां तक ​​कि दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया एजेंसी मानी जाने वाली CIA और मोसाद को भी इस अटैक की जानकारी नहीं थी.

अब सामने आ रही सूचना के अनुसार, हमास ने इजरायली खुफिया जानकारी से बचने के लिए मोबाइल फोन और कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से परहेज किया और एक छोटी सी सेल में हमले की तैयारी में दो साल बिताए। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले की तैयारी कैसे की और इजराइल से जानकारी कैसे छिपाई, इसके बारे में नई जानकारी सामने आई है।

इजराइल पर अटैक की प्लानिंग में लगे 2 साल

रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल पर अटैक की प्लानिंग बनाने में दो साल लग गए और हमास के एक छोटे युनिट ने अंजाम दिया, जो गाजा पट्टी में हमास के सुरंगों के व्यापक नेटवर्क में स्थापित टेलीफोन लाइनों के माध्यम से एक-दूसरे से बातचीत करते थे। इन सुरंगों को 'मेट्रो ऑफ गाजा' के नाम से भी जाना जाता है।

जानकारी के मुताबिक, हमास ने कंप्यूटर और संचार के अन्य साधनों, जैसे मोबाइल फोन, से बचना सुनिश्चित किया, जिन्हें इजरायली खुफिया द्वारा ज्यादा आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। यह रिपोर्ट इजराइल द्वारा अमेरिका को मुहैया कराई गई खुफिया जानकारी के दो स्रोतों पर आधारित है।

आपको बता दें कि हमास के लोगों ने इजरायली खुफिया जानकारी से बचने के लिए पुरानी संचार तकनीक का यूज किया। पिछले जुलाई में जेनिन शरणार्थी शिविर में 'होम एंड गार्डन' ऑपरेशन में भी इसका उपयोग किया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, शरणार्थी कैंप पर आर्मी की छापेमारी में क्लोज-सर्किट निगरानी कैमरों के एक नेटवर्क का पता चला, जो सुरक्षित फोन लाइनों के अलावा, सुरक्षा बलों की गतिविधियों की पूर्व चेतावनी देने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

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