ब्लैक-लिस्टेड कम्पनी यूपी में सीएम क्रिएटिव एजेंसी नामित, लोकभवन में कमरा आवंटित

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लखनऊ, यूपीकेएनएन। वर्ष 2017 में करोड़ो रूपये के सरकारी विज्ञापन घोटाले को लेकर क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड को राजस्थान सरकार ने काली सूची में डाल दिया था। यूपी के जलवेदार अफसरों को यही कम्पनी सबसे भरोसेमंद लगी। अब उसी कम्पनी का चयन सीएम क्रिएटिव एजेंसी के रूप में कर लिया गया है।
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आपको बता दें कि क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अजय चोपड़ा राजस्थान में करोड़ों रूपये के विज्ञापन घोटाले के आरोपी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था और अपराध संख्या 407/2014 के तहत 420, 468, 467, 471, 474, 120 बी एंड पीसी एक्ट 13(2) की संगीन धाराओं में उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा। उस समय राजस्थान में भाजपा सरकार थी। चोपड़ा 2 मई से 31 जुलाई 2017 तक जेल में रहें। 31 जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत को मंजूरी दी। उस दरम्यान राज्य में भाजपा सरकार थी।
ऐसा नहीं कि भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद चोपड़ा ने अपने बचाव की कोशिशें नहीं की। पर उनकी सभी प्रयास नाकाम साबित हुए। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हुई थी।

दरअसल वर्ष 2008-13 तक पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान कुछ विज्ञापन एजेंसियों को लगभग 3 करोड़ रुपये के सरकारी विज्ञापन जारी करने में उनकी भूमिका को लेकर एसीबी ने मामले दर्ज किए थे। कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में अजय चोपड़ा के खिलाफ पांच अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। हालाँकि उन्होंने सभी पाँच मामलों में आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन एसीबी ने उन्हें इनमें से केवल एक मामले में गिरफ्तार किया।

चोपड़ा के अलावा, एसीबी ने सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारियों, स्थानीय निकायों के निदेशालय और संवर्धन और निवेश विभाग के ब्यूरो और एक अन्य विज्ञापन एजेंसी के व्यक्ति अमित गुप्ता (यूनिसन) के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद चोपड़ा भूमिगत हो गए था और एसीबी कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
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