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देहरादून- 06 अगस्त 2023 . राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के शुभ अवसर पर गोदामबड़ी संस्था के द्वारा जोहरी गांव देहरादून में हथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।  इस प्रदर्शनी के  आयोजक गोदामबड़ी संस्था के तुषार तांबे  मीडिया से बात करते हुए बताते हैं कि अभी हमारे भारतवर्ष में हैंडलूम को और प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है ताकि यह उत्पाद लोगों तक पहुंच सके।  

हथकरघा एवं हस्तशिल्प में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी अब काफी कुछ सहयोग कर रही है  जिससे अब इस व्यवसाय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़कर रोजगार दिया जाए एवं  अपने देश में निर्मित परिधानों एवं उत्पादों को लोगों तक  पहुंचाया जा सके।  उन्होंने कहा हथकरघा के उत्पाद अब लोगों में राष्ट्रीयता के भावनाओं को जागृत करता है!  हमारे उत्तराखंड में भी हैंडलूम एवं  खाधी को लेकर अब यहां के लोगों को काफी जागरूकता हो चुकी है एवं वे उत्तराखंड में बने उत्पाद एवं परिधानों को खरीद भी रहे हैं। 

 

हैंडलूम  के उत्पाद अब लोगों को प्रकृति से जोड़ने का काम कर  रहा है एवं प्राकृतिक रूप से बनाए गए पोशाकों एवं परिधानों को उत्तराखंड के  युवा काफी पसंद भी कर रहे हैं।  

तुषार तांबे  बताते हैं कि  हमारे इस जोहरी गांव के हथकरघा केंद्र में लगभग 7 हैंडलूम है और इसमें जाखन एवं उसके आसपास के गांव के 15 महिलाएं यहां काम कर रही है।  हम  गोदावरी संस्था के द्वारा महिलाओं को पहले 6 महीने तक प्रशिक्षण  देखते हैं और फिर उन सभी महिलाओं को हम हैंडलूम के काम के लिए रख लेते हैं।  इन महिलाओं के द्वारा मुख्य रूप से जो उत्पाद बनाए गए हैं उनमें  बेडशीट, सूट  एवं कुर्ता के कपड़े,  तोलिया,  योगा मैट, दरी  एवं अन्य उपयोग की वस्तुएं बनाई जाती है। 

 उत्तराखंड में जो हमने और हमारे संस्थाओं ने विभिन्न जगहों पर  प्रदर्शनी लगाई है  उसमें हमने देखा है कि उत्तराखंड के युवाओं को अब हैंडलूम डेनिम नेचुरल ड्राइंग और इको प्रिंट के परिधान काफी पसंद आ रही है।  हमारी संस्था ने भी पारंपरिक  परिधान एवं  मॉडर्न फैशन का एक फ्यूजन तैयार किया है जिसके अंतर्गत हम  पारंपरिक  सामग्री से मॉडर्न  फैशन और स्टाइल के परिधान उत्तराखंड एवं देश के युवाओं के लिए तैयार कर रहे हैं इन सभी उत्पादों को उत्तराखंड एवं अन्य जगहों के लोग  काफी पसंद कर रहे हैं।

 इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के हैंडलूम के विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित की गई  साथ ही साथ अन्य संस्थाओं में घुघुती विकारा, रीडो और हिमालयन ट्री  जैसे संस्थाओं ने भी अपना स्टॉल लगाया। 

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