वास्तु शास्त्र (Vastu shastra) में कहा गया है कि ऐसे घर जो तिराहे या चौराहे पर बने होते हैं वे अच्छे नहीं माने जाते है क्योंकि इन पर स्थानों पर वास्तु दोष होता है। कहते हैं कि जिन लोगों के घर ऐसी जगहों पर होते हैं उन्हें मानसिक,शारीरिक और आर्थिक परेशानियों अधिक झेलनी पड़ती है। वास्तु शास्त्र (Vastu shastra) में कहा गया है कि तिराहे पर नकारात्मक ऊर्जा का फ्लो अधिक रहता है। वहीं दूसरी वजह है कि तिराहे या चौराहे पर लोगों और वाहनों का आवागमन अधिक रहता है जिससे घर में रहने वाले सदस्यों की मानसिक शांति भंग होती है। हालांकि टी-पॉइंट पर बने मकान का अच्छा या बुरा प्रभाव घर की दिशा पर भी निर्भर करता है।
दिशा के अनुसार टी पॉइंट के प्रभाव
पूर्व दिशा- पूर्व दिशा के घर अगर टी पॉइंट पर हैं तो उन्हें खराब नहीं माना जाता है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक ऐसा मकान मान-सम्मान और सेहत का कारक होता है। (Vastu shastra)
पश्चिम दिशा- पश्चिम दिशा के घर का टी पॉइंट अच्छा नहीं होता है। यह वास्तुदोष उत्पन्न करता है। ऐसे घरों में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है।
उत्तर दिशा- उत्तर दिशा के टी पॉइंट घर को भी अच्छा माना जाता है। ऐसे घर में रहने वाले लोग खूब पैसा कमाते हैं और इनको काम के नए-नए अवसर भी मिलते हैं।
दक्षिण दिशा- टी प्वांइट मकान अगर दक्षिण दिशा में हो तो यह अशुभ होता है। इस तरह के घर में रहने वाले लोग अलग-अलग तरह की परेशानियों में में फंसे रहते हैं।(Vastu shastra)
ईशान दिशा- उत्तर पूर्व दिशा का टी पॉइंट शुभ होता है। यह मकान सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
आग्नेय दिशा- पूर्व और दक्षिण के बीच अर्थात आग्नेय कोण या दिशा का टी पॉइंट मकान अच्छा नहीं होता है। ऐसे मकानों में चोरी और आग लगने का खतरा रहता है।
नैऋत्य दिशा- दक्षिण-पश्चिम अर्थात नैऋत्य दिशा के बीच टी प्वांइट पर बना मकान गंभीर बीमारी और अकाल मृत्यु की वजह बनता है।
वायव्य- दिशा उत्तर-पश्चिम अर्थात वायव्य दिशा का टी प्वांइट मकान बुरा फल देने वाला माना जाता है। यह आर्थिक नुकसान की वजह बनता है। (Vastu shastra)
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