पाकिस्तान जेल में भारतीय बंदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता अमीर सरफराज तांबा की बीते कल को अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी। लाहौर के इस्लामपुरा क्षेत्र में बाइक सवार हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल सरफराज को गंभीर हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. हमलावरों ने उन्हें चार गोलियां मारीं.
पाकिस्तान में सरबजीत सिंह के हत्यारे आमिर सरफराज की लाहौर में अंजान लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
बता दें कि उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में सरफराज और अन्य कैदियों के क्रूर हमले के कुछ दिनों बाद 2 मई 2013 को सरबजीत की मौत हो गई थी। हमले के बाद सरबजीत करीब एक हफ्ते तक बेहोश रहे. सरफराज और अन्य कैदियों ने सरबजीत को ईंटों और लोहे की रॉड से पीटा।
सरबजीत सिंह के बारे में
सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सरहद पर तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले थे। वह एक साधारण किसान थे। उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर के अलावा उनकी दो बेटियां स्वपनदीप और पूनम कौर थीं।
सरबजीत सिंह की बेटी ने कहा, पाकिस्तान ने अपने पिता की हत्या के सबूत मिटाने के लिए हत्यारे की हत्या करवाई। सरबजीत की बहन दलबीर कौर 1991 से 2013 में उनकी मृत्यु तक निरंतर उनकी रिहाई की पैरवी करती रहीं। 30 अगस्त 1990 को वे अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुँच गए, जहाँ से उन्हें पाकिस्तानी सेना ने अरेस्ट कर लिया।
सिंह को सन् 1990 में पाकिस्तान में कई बम विस्फोटों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था। इसके लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. हालाँकि, भारत में सरबजीत सिंह के परिवार का कहना है कि वो गलत पहचान का शिकार थे और भूले भटके सरहद पार कर पाकिस्तान चले गए।
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