पश्चिम बंगाल : चुनाव के बाद हिंसा व आगजनी के निहितार्थ, पराजय से बौखलाया बीजेपी नेतृत्व

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाने के बाद अब हिंसा और आगजनी का सिलसिला चल पड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना की रिपोर्ट मांगी है। हिंसा की घटनाओं के बाद घायलों और कथित तौर पर मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिनों के दौरे पर आज बंगाल पहुंच रहे हैं। वहीं बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह ने नाराजगी जताते हुए तृणमूल कांग्रेस को चेतावनी दी है कि उसके सांसदों, मुख्यमंत्री और विधायकों को भी दिल्ली आना है।

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि चुनाव के बाद शुरू हुई हिंसा में 24 घंटे में 9 लोगों की मौत हुई है। चारो तरफ भय का माहौल व्याप्त है। सत्ताधारी पार्टी टीएमसी हाथ बांध कर बैठी है। पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है। इसी तरह बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है ममता बनर्जी की शह पर पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी ने समर्थकों से शांति बरकरार रखने और उकसावे के झांसे में नहीं आने की अपील की है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश दिये हैं।

उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल पर खासतौर से देश-दुनिया की निगाहें थी। दरअसल बीजेपी ने गत दिसंबर माह से ही पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर अधिकांश केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री आक्रामक चुनावी सभाएं कर रहे थे। टीएमसी खासतौर से मुख्यमंत्री के पर अमर्यादित हमले कर रहे थे। टीएमसी कार्यकर्ताओं के लिए गुंडे शब्द का प्रयोग कर रहे थे।

चुनाव में बुरी तरह से पराजित होने के बाद अब बीजेपी नेता और उनके समर्थक पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को बुरा-भला कह रहे हैं। बीजेपी नेताओं और समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर अभद्र पोस्ट कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मतदाताओं ने ऐतिहासिक गलती की है। ममता बनर्जी द्वारा घसपैठियों का समर्थन करने से टीएमसी विजय हुई हैं। इससे बंगाल की आम जनता में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति गुस्सा है। पराजय से बौखलाया बीजेपी नेतृत्व इस तरफ ध्यान नहीं दे पा रहा है।

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