गोकुलपुरी में आखिरी 24 फरवरी को क्या हुआ था, होश में आने के बाद ACP ने बताई बड़ी सच्चाई

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नई दिल्ली॥ जलती हुई दिल्ली ने सभी झकझोर दिया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी और एक IB के अफसर शामिल हैं। वहीं, कई पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल भी हुए हैं। हिंसा में जख्मी हुए गोकुलपुरी के ACP अनुज कुमार ICU से बाहर आ गए हैं। होश में आने के बाद उन्होंने 24 फरवरी की आपबीती बताई है। उन्होंने कई ऐसी बातें बताई, जिसके बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस दिन भीड़ बेकाबू हो गई थी। उन्हें लगा कि सीनियर कॉन्स्टेबल रतनलाल को पत्थर लगा है, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें गोली लगी थी। डीसपी अमित शर्मा पर सड़क पर बेहोश पड़े थे और उनके मुंह से खून निकल रहा था। उन्हें उठाया डिवाइडर क्रॉस किया, उनके सिर में हेलमेट घुस गया गया था।

ACP ने बताया कि ये 24 तारीख की सुबह लगभग 11.30 बजे वह डीसीपी अमित शर्मा और हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के साथ चांदबाग मजार से 80-100 मीटर आगे तैनात थे। उन्होंने कहा कि पुलिस को निर्देश थे कि इस सड़क को क्लियर रखना है। प्रोटेस्ट को सर्विस रोड़ तक ही सीमित रखना था। लिहाजा, वहां सुरक्षाबलों की दो कंपनियां, ऑफिसर और थाने के स्टाफ मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे वहां बहुत लोग जमा हो गए। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने सर्विस रोड तक रुकने के लिए समझाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि भीड़ ने पुलिस की बातों पर गौर नहीं किया और आगे आने लगी। महिला पुलिसकर्मियों की मदद से पुलिस उन्हें पीछे करने की कोशिश कर रही थी। इसी बीच अफवाह उड़ कि पुलिस ने गोलीबारी की है। जिनमें महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी इसकी वह पुष्टि नहीं कर सकते।

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अनुज कुमार ने बताया कि देखते ही देखते मामला बहुत बिगड़ गया और बहुत संख्या में वहां लोग जमा हो गए। एसीपी ने बताया कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में मात्र 15 से 12 मीटर की दूरी रह गई।

उन्होंने कहा कि अनायस ही किसी ने शायद पत्थर चलाया हो। वहां, पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। लोगों के हाथों में पत्थर, बेलचे , फावड़े और कुदाले भी दिखीं। जैसे ही पत्थरबाजी स्टार्ट हुई, लोग हावी हो गए। दूरी कम होने के कारण आंसू गैस भी काम नहीं आया। उन्होंन कहा कि मैं अचानक डीसीपी अमित शर्मा को ढूंढने लगा। लेकिन, वो डिवाइडर के पास पड़े हुए थे। उनके मुंह से खून निकल रहा था।

भीड़ अधिक उग्र हो चुकी थी। हम DCP को लेकर सीधे यमुना विहार की तरफ भागे। अगर सीधे जाते तो हम भी हिंसा के शिकार हो जाते। फिलहाल, दोनों पुलिसकर्मी खतरे से बाहर आ चुके हैं लेकिन अभी उन्हें अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है। वहीं, हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में अभी स्थिति नियंत्रण में है और बहुत संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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