Why is "inverted swastika" made?,, क्यों बनाया जाता है "उल्टा स्वास्तिक", रहस्य जानकार चौंक जाएंगे..!!

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आप मंगल कार्यों में स्वास्तिक का होना बहुत जरूरी है। बिना स्वास्तिक बनाए कोई भी पूजा, वि‍धान और यज्ञ पूर्ण नहीं माना जाता है। सभी शुभ कार्य की शुरुआत में और त्योहारों पर हर घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना अतिशुभ और उत्तम फलदायी माना जाता है। स्वास्तिक शब्द 'सु' और 'अस्ति' दोनों से मिलकर बना है। 'सु' का अर्थ है शुभ और 'अस्ति' का अर्थ है होना यानी जिससे 'शुभ हो', 'कल्याण हो' वही स्वस्तिक है। हिन्दू धर्म ग्रंथों में स्वास्तिक के कई रहस्य बताए गए हैं| साथ इसको हिन्दुओं का पवित्र चिन्ह भी माना जाता है। आइये जानते हैं स्वास्तिक के ऐसे रहस्य जो आपको आश्चर्य में डाल देंगे। 
स्वास्तिक चार दिशाओं का ज्ञान कराता है। इसकी चार भुजाएं अत्यंत सुखकारी है। ऋग्वेद की ऋचा में स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है और उसकी चार भुजाओं को चार दिशाओं की उपमा दी गई है। प्राचीन काल में ऋषि मुनियों को स्वास्तिक से ही दिशाओं का ज्ञान होता था। 
कहीं कहीं पर उल्टा स्वास्तिक का भी वर्णन मिलता है। बहुत से लोग किसी देव स्थान, तीर्थ या अन्य किसी जागृत जगह पर जाकर मनोकामना मांगते वक्त वहां पर उल्टा स्वस्तिक बना देते हैं और जब उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो पुन: उसी स्थान पर आकर सीधा स्वास्तिक बनाकर ईश्वर को धन्यवाद देते हुए प्रार्थना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। 
ध्यान रखें कभी भी मंदिर के अलावा कहीं और उल्टा स्वस्तिक नहीं बनाना चाहिए। नहीं तो अहित हो सकता है किसी भी अनुष्ठान में स्वास्तिक बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसके अलावा यज्ञ में भी स्वास्तिक का बहुत महत्व है। यज्ञ करने के लिए यज्ञवोदी स्वास्तिक के अनुसार ही बनती है और चारों और सभी वर्णों के आसन लगते हैं। इसके अनुसार ही यज्ञ समपन्न होता है। बिना स्वस्तिक के किये गए यज्ञ से किसी भी तरह का फल प्राप्त नहीं होता। स्वस्तिक के बिना किये गए यज्ञ में दी गयी आहुति को अग्निदेव ग्रहण नहीं करते और सब व्यर्थ हो जाता है। स्वास्तिक को धर्म का प्रतीक माना जाता है।
स्वा स्तिक को चार वर्ण, चार दिशा, चार वेद, चार आश्रम और चार सिद्धांत यानि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक भी माना गया है। स्वास्तिक में भगवान गणेश और देवऋषि नारद की शक्तियां समाहित हैं। स्वास्तिक को भगवान विष्णु और सूर्य का आसन माना गया है। यानि स्वास्तिक का निशान आपके आसपास है तो कभी कभी कोई नकारत्मक ऊर्जा आपके पास नहीं आएगी

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