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Up Kiran, Digital Desk: रेल यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मेदारी सिर्फ कागजों में नहीं निभाई जा रही। मालदा रेल डिवीजन इसका जीता-जागता सबूत दे रहा है। डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता और डिवीजनल सिक्योरिटी कमिश्नर आशिम कुमार कुल्लू के नेतृत्व में यहाँ की आरपीएफ दिन-रात मुस्तैद रहती है।  

ताजा मामला भागलपुर रेलवे स्टेशन का है। प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर मेन गेट के ठीक पास रूटीन चेकिंग चल रही थी। तभी एएसआई संजीव कुमार झा की नजर एक महिला पर पड़ी। वह दौड़ते हुए चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही थी।  

अचानक पैर फिसला और महिला ट्रेन व प्लेटफॉर्म के बीच में लटक गई। एक पल की देर होती तो सीधे ट्रैक पर जा गिरती। लेकिन संजीव झा ने फुर्ती दिखाई। दौड़कर हाथ पकड़ा और जोर से खींचकर प्लेटफॉर्म पर ला पटके। महिला बाल-बाल बची।  

महिला का नाम सोनी देवी है। उम्र 33 साल। घर कहलगांव में है। डर के मारे पहले तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। बाद में बोली कि अगली ट्रेन से जाएगी। कोई जल्दी नहीं है अब।  

सोनी देवी ने अपने परिवार के साथ मिलकर आरपीएफ टीम को दिल से धन्यवाद कहा। बोलीं कि अगर ये जवान न होते तो आज घर वाले मेरी लाश देख रहे होते।  

आरपीएफ पोस्ट भागलपुर के जवानों की यह सतर्कता सोशल मीडिया पर भी खूब सराही जा रही है। लोग लिख रहे हैं कि असली हीरो वर्दी में नहीं दिल में होते हैं।  

मालदा डिवीजन की आरपीएफ लगातार ऐसे कारनामे कर यात्रियों का भरोसा जीत रही है। यही वजह है कि लोग अब रेल यात्रा को पहले से ज्यादा सुरक्षित मानने लगे हैं।