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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्रामीण महिलाओं को धीरे-धीरे उनके पारंपरिक विश्वासों से दूर किया जा रहा था। मिशन शक्ति कार्यक्रम के दौरान पुलिस की नजर महिलाओं के पहनावे पर पड़ी, जो इस पूरे खेल की शुरुआत बनी।

सिंदूर और बिंदी गायब! पुलिस को ऐसे हुआ शक

निगोहां थाना क्षेत्र के कई गांवों में महिला चौपालों का आयोजन किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने देखा कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने न तो सिंदूर लगाया था, न ही बिंदी पहनी थी। पारंपरिक आभूषणों की भी कमी साफ दिख रही थी। इसी से पुलिस को शक हुआ और जांच का दायरा बढ़ाया गया।

सर्विलांस और मुखबिरों ने खोला राज

एसीपी रजनीश वर्मा के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम सुरक्षा समिति और पुलिस ने मिलकर खुफिया जांच शुरू की। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई, तो सामने आया कि गांवों में प्रार्थना सभा के नाम पर धार्मिक परिवर्तन की कोशिशें हो रही थीं।

धार्मिक प्रतीकों में बदलाव से खुली पोल

गांव के कई लोग अब रुद्राक्ष की जगह क्रॉस पहनने लगे थे। घरों में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाकर यीशु की फोटो लगाई जा रही थी। यहां तक कि महिलाओं ने बिंदी, सिंदूर और बिछुआ जैसे पारंपरिक चिह्नों का इस्तेमाल बंद कर दिया था। यह सब ‘चंगाई सभा’ और ‘प्रार्थना सभा’ के जरिए हो रहा था।