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लखनऊ।। सर्दी-जुखाम-बुखार से पीड़ित कोई भी व्यक्ति अब किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में अपना इलाज नहीं करा सकेंगे। दरअसल, कोरोना संक्रमित मरीजों ने छिपने का नया तरीका इजाद करते हुए प्राइवेट हॉस्पिटल या नर्सिंग होम का रुख किया किया था। इस तरह की सूचना मिलते ही प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन लेते हुए खांसी, जुकाम व बुखार के मरीजों को भर्ती करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। विभाग ने सभी निजी चिकित्साल्यों, नर्सिंग होम को ऐसे मरीजों की सूचना तुरंत CMO कंट्रोल रूम को दिये जाने का निर्देश दिया है। जो प्राइवेट हॉस्पिटल इन निर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनका लाइसेंस निरस्त कर हॉस्पिटल को बंद करा दिया जायेगा।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कोरोना हॉट-स्पॉट क्षेत्रों के दो मरीजों के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने की बात सामने आयी थी। इसके बाद लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) नरेंद्र अग्रवाल ने सभी प्राइवेट चिकित्सालयों से ऐसे मरीजों जिनमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों तथा खांसी-जुकाम व बुखार के सभी मरीजों की जानकारी कोरोना कंट्रोल रूम को देने के निर्देश दिये हैं।

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इसके साथ ही CMO यह भी कहा है कि हॉट -स्पॉट वाले क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को कोई भी निजी अस्पताल न तो भर्ती करें और न ही उनका इलाज करें। ऐसे मरीजों के संबंध में सीधे स्वास्थ्य विभाग या CMO कंट्रोलरूम को सूचित करे, जिससे कि उन्हे तुरंत ही आइसोलेट करवा कर कोविड-1 हॉस्पिटल में भर्ती कर जांच के लिए उनका सैम्पल भेजा जाये और समुचित इलाज किया जा सकें। इसके साथ ही सभी प्राइवेट हॉस्पिटल अपने चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए PPE किट व अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करें ।

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दरअसल, कई कोरोना संदिग्ध मरीज सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती होने से कतरा रहे है और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने का जुगाड कर रहे है। कुछ निजी हॉस्पिटल भी ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में ऐसे मरीजों का गुप्-चुप तरीके इलाज कर रहे है। बीते दिनों राजधानी में सामने आये कोरोना हॉट-स्पॉट के मरीज ने बताया था कि वह एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा रहा था।

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