आप भी करते हैं इन चीजों में संकोच तो आज से ही छोड़ दें, होंगे मालामाल, मिलेगी सफलता

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नयी दिल्ली। ‘चाणक्य नीति’ में आचार्य चाणक्य ने चार ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिसमें संकोच करने से मनुष्य विफल हो जाता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में संकोच नहीं करना चाहिए। अगर व्यक्ति संकोच करता है तो हानि ही मिलेगी और कभी सफल नहीं हो पाएगा।

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धनधान्यप्रयोगेषु विद्यासङ्ग्रहणेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत।।

चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि व्यक्ति को पैसे से जुड़े मामले में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। अगर आपका पैसा किसी के पास है तो उससे बेझिझक मांगना चाहिए. संकोच करने पर आपको हानि हो सकती है।

व्यक्ति को शर्म नहीं करना चाहिए

चाणक्य के मुताबिक ज्ञान के मामले में भी व्यक्ति को शर्म नहीं करना चाहिए। आचार्य के मुताबिक अगर व्यक्ति को कोई बात समझ में न आए तो उसे तुरंत पूछ लेना चाहिए, नहीं तो भ्रम की स्थिति बनती है और आगे का रास्ता कठिन हो जाता है। साथ ही परीक्षा में सफल होने के लिए भी शर्म को किनारे कर देना चाहिए।

भोजन से जुड़े मामलों में भी व्यक्ति को शर्म करने से बचना चाहिए। भूखा रहने से व्यक्ति की सेहत खराब हो सकती है। इसलिए जब भूख लगे तो शर्माना छोड़कर खाना मांग लेना चाहिए। कई लोग जान-पहचान की जगह पर शर्म से भूखे रह जाते हैं।

काम और कारोबार के मामले में भी संकोच नहीं करना चाहिए। शर्म के कारण चीजें रह जाती हैं और व्यक्ति आगे नहीं बढ़ पाता है। अगर आप किसी भी काम में 100 फीसदी सफल होना चाहते हैं तो शर्म को त्यागकर भ्रम को दूर करना चाहिए।

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