दिल्ली में वोटिंग के पहले बीजेपी को आयोग का सख्त निर्देश, पीएम मोदी के इस काम पर पाबन्दी

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नई दिल्ली।। निर्वाचन आयोग ने एक बार पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी को नमो टीवी पर शुक्रवार शाम 6 बजे से कोई भी राजनीतिक विज्ञापन या कॉन्टेंट न चलाने का निर्देश दिया है। यह सख्त निर्देश मीडिया मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से जारी किया गया है।

हालांकि भाजपा ने चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखा और कहा कि राजनीतिक विज्ञापन और कॉन्टेंट नहीं चलाये जायेंगे लेकिन लाइव प्रोग्राम दिखाया जायेगा। नमो टीवी पर 6 बजे शाम के बाद भी राजनीतिक कॉन्टेंट प्रसारित हुये जिस पर आयोग ने भाजपा को नोटिस भेजा है। इसमें पीएम मोदी के भाषण के लाइव प्रसारण को भी रोकने को कहा गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य नीरज को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1951 की धारा 126’ का हवाला दिया है। इसी आधार पर राजनीतिक विज्ञापन और कॉन्टेंट के प्रसारण पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। दिल्ली में 12 मई को आम चुनाव है जिसे देखते हुये यह रोक 10 मई दिन शुक्रवार शाम 6 बजे से 12 मई दिन रविवार की शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी।

वर्तमान समय में चुनाव आयोग की ओर से किसी भी पार्टी को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मतदान से 48 घंटे पहले राजनीतिक विज्ञापन देने या इससे जुड़े कॉन्टेंट चलाने पर रोक का प्रावधान है। चुनाव आयोग की संवैधानिक शक्तियों के मुताबिक मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले पार्टियों और उसके कैंडिडेट को प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन देने से मनाही होती है। यह नियम मतदान के सभी फेज पर समान रूप से लागू होता है। हालांकि इसमें एक ढील ये दी जाती है कि पार्टियां या कैंडिडेट स्क्रीनिंग कमेटी से पूर्व प्रमाणित करा सकते हैं। चुनाव आयोग ने 2015 के बिहार चुनाव में पहली बार ऐसा फैसला किया था।

लोकसभा चुनाव होने तक पीएम पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक रिलीज करने पर पाबंदी लगा दी थी और नमो टीवी के प्रसारण पर भी रोक लगाने के आदेश दिये थे। आयोग ने कहा कि कोई भी कॉन्टेंट जो चुनाव में सभी दावेदारों को समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत से मेल नहीं खाता हो, उसका प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए।

इससे पहले अप्रैल में निर्वाचन आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से नमो टीवी पर विस्तृत जवाब मांगा था। नमो टीवी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इस चैनल में पीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल किया गया है और यह उनकी रैलियों और भाषणों के लिए समर्पित है। नरेंद्र मोदी और भाजपा दोनों ने सोशल-मीडिया पर नमो टीवी को प्रमोट किया है।

इस चैनल के खिलाफ कांग्रेस चुनाव आयोग गई थी और आचार संहिता लागू होने के बाद नमो टीवी को एक राजनीतिक औजार के रूप में प्रमोट करने और अपने चुनावी अभियान के लिए सरकारी स्वामित्व वाले दूरदर्शन का इस्तेमाल करने के लिए मोदी और भाजपा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। आम आदमी पार्टी ने भी इलेक्शन कमीशन में यह कहते हुए शिकायत दर्ज की कि क्या आचार संहिता लागू होने के बाद किसी राजनीतिक दल को अपना चैनल शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है।

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