पति की मृत्यु संबंधी इंश्योरैंस की राशि ना देने पर, अब LIC भरना पड़ेगा हर्जाना

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जिला उपभोक्ता फोरम ने एक याचिकाकर्त्ता को राहत देते हुए लाइफ इंश्योरैंस कारर्पोशन ऑफ इंडिया (एल.आई.सी.) कम्पनी को आदेश दिया है कि उसके पति की मृत्यु संबंधी इंश्योरैंस की राशि 10 लाख रुपए सहित 10 हजार रुपए हर्जाना मुआवजा 30 दिन में अदा करे, नहीं तो सारी राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करनी होगी।

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क्या है मामला  
याचिकाकर्त्ता परमजीत कौर विधवा गुरनाम सिंह निवासी गांव मछराए तहसील बटाला जिला गुरदासपुर ने फोरम समक्ष याचिका दायर की थी कि उसके पति गुरनाम सिंह ने 28-10-2013 को लाइफ इंश्योरैंस कम्पनी बटाला शाखा के माध्यम से अपना 10 लाख रुपए का बीमा करवाया था जिसके लिए 37595 रुपए की किश्त अदा की गई तथा इंश्योरैंस कम्पनी ने उसे पालिसी नंबर 473806328 जारी की।

इस इंश्योरैंस पालिसी में उसे उसके पति ने अपना वारिस बनाया था। इंश्योरैंस कम्पनी ने इंश्योरैंस पालिसी जारी करने से पहले गुरनाम सिंह का मैडीकल भी करवाया था। 6-5-2014 को उसके पति गुरनाम सिंह की मौत हो गई। उसने अपनी पति की मौत संबंधी इंश्योरैंस कम्पनी को विधिवत सूचना दी तथा जरूरी कागजात दिए। कई बार इंश्यारैंस कम्पनी कार्यालय में चक्कर लगाने तथा कई साल इंतजार करने के बाद 31-3-2017 को अपने पत्र नंबर 1855/1081 अनुसार क्लेम का भुगतान करने से इंकार कर दिया। इंश्योरैंस कम्पनी ने फोरम समक्ष अपने वकील के माध्यम से क्लेम न देने की यह दलील दी कि एक तो गुरनाम सिंह की इंश्योरैंस करवाने के एक साल के भीतर ही मौत हो गई तथा वह बहुत अधिक शराब पीता था जिस कारण मौत हुई, इसलिए इंश्योरैंस कम्पनी क्लेम अदा नहीं कर सकती।

यह कहा फोरम ने
फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपने दिए निर्णय में कहा कि जब इंश्योरैंस कंपनी किसी व्यक्ति की इंश्योरैंस करती है तो यह इंश्योरैंस कंपनी की जिम्मेदारी होती है। इसलिए लाइफ इंश्योरैंस कंपनी याचिकाकर्त्ता को उसके पति की मौत की इंश्योरैंस क्लेन संबंधी सारी कार्रवाई पूरी कर 30 दिन में भुगतान करे, साथ में 10 हजार रुपए हर्जाना राशि भी अदा करे।

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