बुरे फंसे : रेलवे ठेकेदार कंपनी ने गारंटी के लिए जमा कर दिए पुराने नोट

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यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ।। भारत में नोटबंदी के बाद 2 नंबर के कारनामों से 32 लाख रूपये से अधिक के नोट बंद हो चुके रूपयों में जमा कराने के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को उत्तर-मध्य रेलवे इलाहाबाद के तत्कालीन असिस्टेंट डिविजनल फाइनेंस मैनेजर एमएच अंसारी,डिविजनल कैशियर मदनमोहन यादव और दिल्ली की फर्म विशाखा फैसिलिटी मैनेजमेंट व अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

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केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने इलाहाबाद में दोनों अधिकारियों और फर्म के अड्डों पर छापमारी भी की।

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जानकारी के मुताबिक विशाखा फैसिलिटी को अक्टूबर 2016 को कानपुर की ट्रेनों के डिब्बों की साफ-सफाई का ठेका मिला था। करीबन 6.41 करोड़ रुपये के ठेके के लिए कंपनी को करीब 32 लाख 10 हजार 187 रुपये की गारंटी के रूप में एक महीने में जमा करनी थी।

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आरोप है कि डिविजनल कैशियर व फाइनेंनेस मैनेजर ने नोटबंदी के बाद विशाखा कंपनी से नकद रूपये के रूप में 32 लाख 10 हजार 820 रुपये की पुरानी नोट गारंटी के तौर पर जमा करा दी। जिसमें करीबन 1000 के बंद हो चुके 549 और 500 रुपये के 5323 नोट थे।

फोटोः फाइल

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