भाजपा ने मिशन 2019 की राह के कांटे दूर करने के लिए, कुर्बान की जम्मू सरकार

img
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से नाता तोड़ने का फैसला भाजपा ने मिशन 2019 की राह के कांटे दूर करने के लिए लिया। इसके लिए बीते करीब एक हफ्ते तक पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ में शीर्ष स्तर पर मंथन हुआ।
Image result for भाजपा ने मिशन 2019 की राह

संघ और पार्टी दोनों ही स्तर पर फीडबैक में यह बात सामने आई कि खासतौर पर आतंकवाद के सवाल पर सूबे की सरकार की नाकामियों का न सिर्फ जम्मू और लद्दाख बल्कि सूबे के बाहर भी गलत संदेश जा रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि पीडीपी से नाता तोडने का उनके समर्थक वर्ग में सकारात्मक संदेश जाएगा।

दरअसल संघ दो वर्ष पहले से ही पीडीपी से नाता तोडने के पक्ष में था। हालांकि तब सरकार और पार्टी को हालात अपने पक्ष में कर लेने की उम्मीद थी। इसी दौरान संघर्ष विराम की घोषणा के बाद सेना के जवान औरंगजेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या और इससे पहले सेना के अधिकारियों पर सोपियां मामले में एफआईआर करने जैसे मामले से भाजपा-पीडीपी के रिश्ते खराब हुए। यही कारण है कि केंद्र ने राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती की ईद के बाद भी संघर्ष विराम जारी रखने की सलाह को ठुकरा दिया।

सूत्रों के मुताबिक बीते हफ्ते सूरजकुंड की संघ की अपने अनुषांगिक संगठनों, भाजपा के संगठन मंत्रियों की बैठक में इस विषय में गहन चर्चा हुई। बीते शुक्रवार को संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएम के यहां डिनर पर शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी इसी विषय पर मंथन किया। इसके बाद पीएम और शाह ने अलग-अलग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी चर्चा की।

बताते हैं कि एनएसए सहित अन्य एजेंसियों ने भी सूबे में हालात में तत्काल सुधार आने की संभावना से इंकार किया था। जम्मू-कश्मीर के संगठन मंत्री ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सरकार में शामिल होने का नकारात्मक असर सूबे की पार्टी की जम्मू की दो और लदख की एक सीट पर भी पड़ रहा है। जबकि संघ का फीडबैक था कि इसका नकारात्मक असर देश भर में समर्थकों के बीच भी है।

Related News