वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की आतंकियों ने गोली मारकर, कर दी थी हत्या?

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राइजिंग कश्मीर के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। माना जा रहा है कि उनकी हत्या हुर्रियत और इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के विरोध और रमजान के महीने में संघर्ष विराम को बनाए रखने की वकालत करने की वजह से हुई है। सूत्रों के अनुसार अलगाववादी नेता चाहते थे कि बुखारी उनकी तरह शांति के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दें और इसके लिए उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर एक सख्त दबाव बनाया जा रहा था।

Image result for आईएसआई और हुर्रियत ने करवाई पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या?इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे हमले उनके खिलाफ बढ़ते गुस्से का एक संकेत था, जम्मू और कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने बुखारी को अलर्ट किया था। पुलिस सूत्रों ने उन्हें जानलेवा हमले से लगभग एक महीने पहले चेताया था और उनसे अपनी गतिविधियों को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा गया था। राज्य पुलिस का मानना है कि सीसीटीवी में कैद हुए हमलावरों में से एक नवीद जट है जोकि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है। वह चेकअप के दौरान श्रीनगर के अस्पताल से भाग गया था।

एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें संदेह है कि लश्कर ने आईएसआई के कहने पर उनकी हत्या की है। पुलिस की चेतावनी के बारे में बुखारी के भाई और राज्य सरकार में मंत्री बशरत बुखारी के साथ भी साझा की गई थी।’

शुजात ने दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई ट्रैक 2 की बातचीत में आजाद कश्मीर की वकालत की थी और कश्मीर में चलाए जा रहे भारत सरकार की पहल का स्वागत किया था। यह पाकिस्तान की सेना, आईएसआई और आतंकी संगठन जैसे कि हिजबुल मुजाहिद्दीन को उनकी बातें रास नहीं आईं। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार शुजात का यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के अध्यक्ष और हिजबुल के मुखिया सैय्यद सलाहूद्दीन से मतभेद था। कश्मीर की आजादी का स्वर लिस्बन और बैंकॉक में गूंजा जिसकी वजह से शुजात आईएसआई और पाकिस्तान की सेना की आंखों में खटकने लगे क्योंकि पाकिस्तान कश्मीर को अपने कब्जे में करना चाहता है।

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