सीएम का आदेश ठेंगे पर, CUG नंबर पर अफसर नहीं सुन रहे शिकायतें ज्यदातर समय मोबाईल बंद ही रहता है

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लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीयूजी नंबरों पर सभी अधिकारियों को शिकायतें सुनने और निस्तारण का सख्त निर्देश दिया है। लेकिन राजधानी में जिले के मुखिया डीएम कौशल राज शर्मा ने सीएम के आदेशों को ठेंगे पर रख लिया है। डीएम साहब केवल कार्यक्रमों में ही व्यवस्त रहा करते हैं। यदि कोई उनके व्हाट्सएप पर कोई शिकायत मैसेज करे तो ध्यान नहीं देते। यही नहीं फोन लगाते रहें, उठाने के लिए मानों बैन कर रखा गया हो। यही नहीं सरकारी लैंडलाइन नंबर भी मानों कार्यालय में सिर्फ अपने कामों के लिए रख दिया गया हो, आम जनों की शिकायतें नहीं सुनी जाती। डीएम के इस कारनामे से परेशान होकर सामाजिक कार्यकर्ता & आरटीआई एक्टिविस्ट तनवीर अहमद सिद्दीकी ने सीएम योगी आदित्यनाथ,उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व सभी उच्चाधिकारियों से शिकायत की है। साथ ही जांच कराकर सभी शिकायतों का तत्काल निस्तारण की मांग की है।

अधिकारियों की करस्तानी
चिंताजनक बात है कि जब डीएम का रवैया ही इस तरह का लापरवाही भरा होगा तो उनके मातहत क्या करेंगे। जबकि सीएम योगी ने सभी उच्च अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह सीयूजी नंबरों पर आने वाले फोन को खुद ही रिसीव करेंगे और समस्याओं का निस्तारण करेंगे। इसके बाद भी अधिकारी सीयूजी नंबरों पर पीड़ितों की शिकायतें नहीं सुनते हैं। यही वजह है कि सीएम योगी की मंशा प्राथमिकता पर शिकायतों का निस्तारण किया जाना फेल हो रहा है। अधिकारियों की करस्तानी के कारण सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।

शिकायतों की बाढ़
तनवीर अहमद सिद्दीकी का कहना है कि जिलाधिकारी लखनऊ प्रायः अपने सरकारी आवास पर एवं अपने कार्यालय में आम जनता की समस्याओं को सुनने के लिए मिलते नहीं हैं। सरकारी आवास पर आम जनता की कोई भी डाक रिसीव नहीं की जाती है। इस वजह से शहर में शिकायतों की बाढ़ आ गई है। यह बात अलग है कि बड़े कार्यक्रमों में शिरकत कर डीएम आदेश निर्देश देकर इतिश्री कर लेते हैं। समाजसेवी का आरोप है कि जिलाधिकारी द्वारा सरकारी लैंडलाइन फ़ोन और मोबाइल फ़ोन पर कॉल करने पर भी आम जनता की शिकायतें ग्रहण नहीं की जाती है। सरकारी लैंडलाइन फ़ोन पर कॉल करने पर बहानेबाजी की जाती है।

बंद ही रहता है CUG फोन
तनवीर का आरोप है कि सरकारी CUG मोबाइल फ़ोन नंबर 9454417557 अधिकतर बंद ही रहता है और दूसरे सरकारी CUG. मोबाइल फ़ोन नंबर 9415005000 पर कभी कॉल रिसीव ही नहीं की जाती है। Whatsapp एवं SMS से भेजी गयी शिकायतों का कोई भी संज्ञान नहीं लिया जाता है। यही नहीं E-MAIL आई.डी. dmawaslko@gmail.com व dmluc@nic.in पर भेजी गयी शिकायतों का संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और शिकायतकर्ता को शिकायत-निस्तारण के सम्बन्ध में ई-मेल या डाक द्वारा कोई भी सूचना नही दी जाती है। हैरान करने वाली बात है कि सरकार CUG नंबरों पर भी लाखों रुपए जनता के समाधान को लेकर खर्च कर रही। लेकिन अधिकारियों के द्वारा CUG नंबरों का प्रयोग महज अपने लाभ के लिए किया जा रहा है।

कब सुधरेंगे अफसर
योगी सरकार आए दिन अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। समय समय पर बैठक कर चेतावनी भी जारी करते रहते हैं। लेकिन डीएम जैसे अहम पद बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की करस्तानी ही होश उड़ाने वाली है। ऐसे में शिकायतों का निस्तारण तो दूर कूड़ों की तरह इसका ढेर लगता जा रहा है। शिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराने को लेकर सीएम का निर्देश धरा का धरा रह गया है। सम्पूर्ण समाधान दिवस से लेकर हर शिकायतें अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। यदि अधिकारी ईमानदारी से अपने कामों को पूरा करें तो शायद पीड़ितों को दर दर भटकना नहीं पड़ता। कानून व्यवस्था भी अधिकारियों के लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। जब तक कोई बड़ी घटना नहीं होती अधिकारियों की कुंभकरणी निंद्रा टूटने का नाम नहीं लेती।

सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का भी समय से नही करते है निस्तारण
RTI एक्टिविस्ट तनवीर अहमद सिद्दीकी का यह भी कहना है कि जिलाधिकारी लखनऊ में आरटीआई का भी समय से नहीं करते निस्तारण और आरटीआई का निस्तारण समय से करने के लिए कार्यलय में नहीं मिलते है जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी आरटीआई आवेदनकर्ता को मजबूरन उत्तर प्रदेश सूचना आयोग गोमती नगर लखनऊ में दर्ज करनी पडती अपील / शिकायत जो कि बडे अफ़सोस की बात है l

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