लखनऊ ।। यूपी की राजधानी लखनऊ में 4 फरवरी की शाम हजारों फुट की ऊंचाई पर 2 प्लेन आमने-सामने की भिड़ंत से बाल-बाल बच गए। विमान विशेषज्ञ अब यह जानने में जुट गए हैं कि आखिर गलती किस सिरे पर हुई। प्लेनों के टकराने की यह नौबत आई ही क्यों। विमान विशेषज्ञ इसकी जांच कर जिम्मेदारी तय करने की कार्रवाई में जुट गए हैं।
खबर के अनुसार, 26 हजार फुट की ऊंचाई पर जेट एयरवेज के पायलट को अलार्म मिला। प्लेन का खास उपकरण टीसीएएस पहले तो चेतावनी देता है। उसके बाद वह आरए यानी सीधे पायलट को निर्देश देता है कि तत्काल रास्ता बदलें नहीं तो टकरा जाएंगे। जेट-गो एयर दोनों के पायलटों को कुछ इसी तरह दूसरे स्तर की चेतावनी मिली।
जिसके बाद दोनों विमान में हड़कंप मच गया। विमान में अचानक बढ़ी चहलकदी से दोनों विमानों के करीब 350 यात्रियों में भी दहशत का माहौल बन गया। जेट की फ्लाइट में 200 और गो एयर की फ्लाइट में 150 यात्री सवार थे। जिन्होंने 26 हजार फुट की ऊंचाई पर मौत का इस तांडव को टलते एहसास किया।