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लखनऊ ।। कांग्रेस के 84वां महाधिवेशन का गत रविवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के संबोधन के साथ समापन हो गया। इस दौरान राहुल ने पीएम मोदी पर तीखे वार किए।

उन्होंने BJP अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरूण जेटली पर भी निशाना साधा। कांग्रेस महाधिवेशन में अपने 55 मिनट के समापन संबोधन में राहुल गांधी ने केंद्र के खिलाफ आक्रमक भाषण दिया। राहुल के इस बदलते तेवरों पर पार्टी के नेता भी हैरान हैं।

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राहुल में दिन पर दिन काफी बदलाव आ रहा। राहुल में बदलाव और महाधिवेशन में उनकी गहरी छाप को और प्रभावी बनाने के पीछे कोई और नहीं बल्कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की भूमिका है।

राहुल गांधी अधिवेशन के सामपन संबोधन में मंच पर अकेले थे और इसकी प्लेनिंग प्रियंका ने की थी। वह चाहती थीं कि राहुल जब मंच पर बोले तो वो अकेले ही वक्ता के रूप में सामने आएं। इससे उनका प्रभाव और बढ़ेगा।

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यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्त्ताओं तक सभी के बैठने का इंतजाम मंच के सामने, नीचे ही किया गया था ताकि सभी को यह संदेश जाए कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता इसमें समान रूप से हिस्सेदार और इसके सदस्य हैं।

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कांग्रेस में कई बार मांग उठ चुकी है कि प्रियंका को पार्टी का चेहरा बनाया जाए लेकिन वे स्वयं कई बार कह चुकी हैं कि उनकी राजनीति में महत्वकांक्षा नहीं है। उन्होंने एक बार कहा भी था कि पार्टी का चेहरा उनके भाई राहुल ही होंगे और वे हमेशा उन्हें सपोर्ट करेंगी।

प्रियंका ने हमेशा अपनी कथनी को पूरा भी करके दिखाया, फिर चाहे महाधिवेशन को सफल बनाना हो या फिर यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस गठबंधन को अंजाम तक पहुंचाना।

फोटोः फाइल

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