अगर यूपी में कम हुई सीटें तो बीजेपी यहां से करेगी भरपाई, जानें क्या है प्लान B

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New Delhi. लोकसभा चुनाव को देखते हुए सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने गठबंधन कर लिया है। ऐसे में राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि BJP के लिए उत्तर प्रदेश में 2014 वाला रिजल्ट दोहराना मुश्किल होगा। ऐसे में BJP भी दूसरे प्लान पर काम करना शुरू कर चुकी है।

नॉर्थ-ईस्ट की 25 लोकसभा सीटों पर नजरें टिकाने के बाद BJP दक्षिण के राज्यों में 50 सीटें जीतने की कोशिश में जुट गई है। पिछले चुनाव में यूपी की 80 में से 73 लोकसभा सीटें BJP+ ने जीती थी, जिससे एनडीए ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया था।

लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत से 50 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि कर्नाटक में पार्टी को मजबूती देने के साथ हम पूर्वोत्तर की तर्ज पर छोटे छोटे दलों को जोड़कर दक्षिण के राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को आकार देने में जुटे हैं।

मुरलीधर राव ने से बातचीत में कहा, ‘दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत बनाना एक चुनौती रहा है। हमारा प्रदर्शन पिछले दशकों में कर्नाटक में अच्छा रहा है। पहले हम वहां सत्ता में रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में BJP सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। दक्षिण के दूसरे राज्यों में पार्टी का तेजी से विस्तार हो रहा है। हम गांव तक पहुंचने में सफल रहे हैं।’

कर्नाटक में 22 सीटें जीतने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पार्टी की विचारधारा और राजनीतिक संवाद को दक्षिण भारत के परिवेश एवं परिदृश्य के अनुरूप लोगों के स्वीकार्य रूप में पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी सफल भी हो रही है।

कर्नाटक में BJP ने 22 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है, हालांकि राज्य में कांग्रेस और जदएस गठबंधन की ओर से उसकी योजना को चुनौती भी मिल रही है। इस गठबंधन के कारण ही BJP को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत से कुछ सीट कम मिली और सत्ता उसके हाथ से फिसल गई थी। पार्टी को हालांकि विश्वास है कि लोकसभा चुनाव में उसे बड़ी जीत मिलेगी।

तमिलनाडु से भी है उम्मीदें

राव ने कहा, ‘कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार नहीं चल पा रही है, रोज रोज दोनों दलों के झगड़े सामने आ रहे हैं। राज्य की जनता सब कुछ देख सुन रही है कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बार बार पद छोड़ने की बात कह रहे हैं।’ BJP महासचिव ने कहा, ‘कर्नाटक में यही (कांग्रेस-जदएस कलह) हमारा बड़ा मुद्दा है। हम जनता के समक्ष इन सभी विषयों को बतायेंगे। राज्य में लोकसभा चुनाव में हमें बड़ी जीत मिलेगी।’

तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं। BJP यहां छोटे छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पार्टी राज्य में अन्नाद्रमुक को साथ लेने की कोशिश कर रही है। 2014 में BJP तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनावों में गई जिसमें एमडीएमके, पीएमके और अन्य छोटे दल शामिल थे। गठबंधन ने राज्य से दो सीटें जीतीं थी।

राज्य में गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि तमिलनाडु में BJP के दरवाजे समान विचार वाले दलों के साथ गठबंधन के लिये खुले हैं।

आंध्र की 10 सीटों पर BJP का फोकस

वहीं केरल में BJP अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिये पूरा जोर लगा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि केरल में सबरीमला के मद्देनजर BJP के पक्ष में हिंदुओं का बड़ा झुकाव प्रतीत हो रहा है। BJP खास तौर पर तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, पलक्कड़, अटिंगल जैसे क्षेत्रों में जोर लगा रही है।

आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं, BJP यहां 10 सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी 1999 के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है जब उसने अविभाजित आंध्रप्रदेश से सात सीटें जीती थीं।

राव ने जोर दिया कि लोगों का BJP खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर काफी भरोसा है। लोकसभा चुनाव में BJP की बड़ी जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि अलग अलग विचारधारा वाले विपक्षी दल क्यों साथ आ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन का एकमात्र एजेंडा मोदी हटाओ है और आगामी चुनाव में लोग इसे नकार देंगे।

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