लखनऊ ।। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने पिछली सरकार के 3 और फैसले रद्द कर दिए हैं। पहले फैसले में नगर निकायों की नियुक्तियों के अधिकार को सरकार ने बहाल कर दिया है।

आफको बता दें कि इससे नगर निगमों में महापौर, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष के नियुक्ति के अधिकार पूर्ववत बने रहेंगे।
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तो वहीं, सपा सरकार के 7 विद्यालयों के प्रांतीयकरण के फैसले को भी कैबिनेट ने रद्द कर दिया है। इसी तरह वाहनों में स्पीड नियंत्रित करने के लिए वेंडर के जरिए ही स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता भी कैबिनेट ने खत्म कर दी है।
इस संबंध में सरकारी प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया है कि सपा सरकार ने यूपी नगर पालिका अधिनियम 1916 और यूपी नगर निगम अधिनियम 1959 में संशोधन करने के लिए यूपी नगरीय स्वायत्त शासन विधि संशोधन अध्यादेश-2016 को मंजूरी दी थी। सरकार ने इस अध्यादेश को राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा था। राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति को भेजा था।
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सपा सरकार के निजी प्रबंधतंत्र द्वारा संचालित छह वित्तविहीन स्कूलों व हाईस्कूल तक अनुदानित एक विद्यालय के प्रांतीयकरण को लेकर 23 December 2016 को जारी शासनादेश को भी कैबिनेट ने रद्द कर दिया है।
योगी कैबिनेट ने सपा सरकार के एक और फैसले को पलटते हुए वाहनों में स्पीड नियंत्रित करने के लिए पुराने वाहनों में किसी संस्था के जरिए ‘स्पीड गर्वनर’ लगाने की बाध्यता की व्यवस्था समाप्त कर दी है।
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