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लखनऊ ।। सपा-बसपा के गठबंधन की असली परीक्षा अगले माह से शुरू होने वाली है। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के लिए होने वाले चुनावों में दोनों दलों की एकता एवं उसके प्रभाव का टेस्ट होगा। विधान परिषद की 12 सीटें खाली होने जा रही हैं और कई दिग्गज नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, May में खाली होने वाली सीटों में कैबिनेट मंत्री मोहसिन रजा और महेंद्र सिंह के साथ यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी सीट शामिल है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने पहले ही अखिलेश यादव को भरोसा दिलाया है कि दो सीटें जीतने में उनकी पार्टी सहायता करेगी।
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हालांकि, कांग्रेस और सपा के समर्थन के बावजूद बसपा राज्यसभा चुनाव में कोई सीट नहीं जीत पाई। आपको बता दें कि मायावती को राजनीति में कड़े फैसले लेने और अपनी शर्तों पर समझौता करने वालों में जाना जाता है। अब यह देखना होगा कि क्या वह अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगी।
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गौरतलब यह है कि यूपी विधानसभा में इस समय 402 विधायक हैं और विधान परिषद में एक प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 33 सीटें चाहिए। तो वहीं भाजपा के पास इस वक्त 324 विधायक हैं और बसपा के अनिल सिंह और सपा के नितिन अग्रवाल के समर्थन और कुछ बचे हुए वोटों को मिला लें तो भाजपा की गिनती 329 तक पहुंच सकती है।
फोटोः फाइल
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