लखनऊ।। लोकसभा चुनाव में हुई हार ने योगी सरकार सदमे में है। गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीट पर हुये उप-चुनाव में हार के बाद अब भाजपा संगठन और सरकार में समीक्षा का दौर चल रहा है। पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर है कि 19 मार्च के बाद केंद्रीय नेतृत्व की सहमति से योगी सरकार संगठन और मंत्रीमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल कर सकती है।
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गौरतलब है कि लोकसभा उप-चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी की करारी शिकस्त के लिये अब सरकार से लेकर संगठन तक जिम्मेदारी तय करने की बात कही जा रही है। बीजेपी के सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि 19 मार्च के बाद यानि योगी सरकार के एक साल पूरे होने की वर्षगांठ के बाद सीएम योगी मंत्रिमंडल, भाजपा संगठन और राज्य की प्रशासनिक मशीनरी में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं।
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सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व से सहमति के बाद मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा। सूत्रों की मानें तो, योगी मंत्रिमंडल में ओबीसी और दलित वर्ग को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। वहीं संगठन में गोरखपुर क्षेत्र और काशी क्षेत्र के साथ-साथ लंबे समय से संगठन में जमे स्थानीय पदाधिकारियों की जगह नये पदाधिकारियों को मौका दिया जायेगा।
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दूसरी तरफ उप-चुनाव में हार के लिये नौकरशाही को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। हालाँकि देर रात एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 37 आईएएस अफसरों के तबादले किये गए हैं। लेकिन अभी किसी और फेरबदल की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कहा जा रहा है कि योगी सरकार की कई अच्छी योजनाओं को लागू करने में अधिकारियों द्वारा कोताही बरती गई, जिसकी वजह से जनता में नाराजगी का माहौल है।
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माना जा रहा है कि नौकरशाही में भी मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर जिलों के कलेक्टर तक के कामकाज की समीक्षा होगी और नकारा साबित हुये अफसरों की जगह कामकाजी अफसरों को तरजीह देने का दबाव बढ़ा है। इसके साथ-साथ सरकार में रिक्त पदों पर पार्टी कार्यकर्ताओं के समायोजन की प्रक्रिया को तेज किया जायेगा।
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