FaceBook पर ISI के कारनामे का खुलासा, 1,100 लोगों को बनाया टारगेट

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नई दिल्ली ।। हनी ट्रैप का शिकार होने के बाद नागपुर की ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से इंजीनियर निशांत अग्रवाल के गिरफ्तार करने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे 13 फेसबुक अकांउट और उनसे जुड़े 1,100 फेसबुक मित्रों पर नजर बनाये हुये है। एटीएस को आशंका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सोशल मीडिया के जरिये अपना जाल बना रही है।

इस मामले में जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एटीएस जांचकर्ताओं ने 13 फेसबुक खातों को बंद कर दिया है, जिन्हें शून्य कर दिया है, जिन्हें आईएसआई के द्वारा संचालित किया जाने का संदेह है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस की मिसाइल यूनिट में तैनात सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल और बीएसएफ ज जवान अच्युतानंद मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों फेसबुक प्रोफाइल की जांच की गई। जिसमें सामने आया था कि वो कथित रूप से फेसबुक पर आईएसआई के हनी ट्रैप का शिकार हुए थे।

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उन्होंने बताया कि फिलहाल एटीएस ने लगभग 1,100 उपयोगकर्ताओं के फेसबुक अकांउट्स को बंद कर दिया है जो संदिग्ध खातों की मित्रों की सूचियों पर हैं। वहीं इस पर यूपी एटीएस के आईजी असिम अरुण ने बताया कि इन खातों से जुड़े लोगों के फेसबुक अकांउट की जांच प्रक्रिया पहले चल रही है।

उन्होंने कहा कि 1,100 फेसबुक अकाउंट के उपयोगकर्ताओं को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- जो रक्षा और सशस्त्र बलों से जुड़े हैं, जो महत्वपूर्ण और संवेदनशील प्रतिष्ठानों और सामान्य यूजर्स हैं। आईजी ने कहा कि पहली श्रेणी के हर यूजर्स से संपर्क करना जरूरी था जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्होंने जानबूझकर या अनजाने में कोई जानकारी साझा तो नहीं की है। इसके साथ ही दूसरी श्रेणी के यूजर्स से पूछताछ की गई, जबकि तीसरी श्रेणी के उपयोगकर्ताओं की जांच चल रही और यदि कोई संदेह में पाया गया तो पूछताछ की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले, अक्तूबर में उत्तरप्रदेश एटीएस और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नागपुर की ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से एक इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। वह हनी ट्रैप का शिकार होने के बाद पाकिस्तान के संदिग्ध खुफिया सदस्यों से संपर्क में था। जांच में पता चला था कि उसके फोन से पाकिस्तान में कई फोन कॉल्स भी किए गए थे।

फोटो- फाइल

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