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नई दिल्ली।। उत्तर प्रदेश राज्यसभा की खाली हो रही 8 सीटों को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बसपा अध्यक्ष मायावती अगर स्वयं राज्यसभा उम्मीदवारी की दावेदारी छोड़ती है, तो उनके भाई व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं।
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राज्यसभा की खाली हो रही इन 8 सीटों के लिये इसी माह मतदान होना है। इस समय राज्यसभा में बीएसपी के 5 सदस्य हैं। मुनकाद अली, अशोक सिद्धार्थ, सतीश चंद्र मिश्र, राजराम और वीर सिंह। जिनमें मुनकाद अली का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
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मायावती ने जुलाई 2017 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। मौजूदा समय मायावती किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। इसलिये माना जा रहा है कि मायावती बीएसपी-एसपी की संयुक्त उम्मीदवार हो सकती हैं। स्वयं राज्यसभा न जाने की स्थिति में मायावती अपने भाई को भेज सकती हैं।
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मायावती ने रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में इसके संकेत भी दिये हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा व विधान परिषद के लिए हो रहे द्विवार्षिक चुनाव में सपा ने राज्यसभा की सीट पर बीएसपी को तथा बीएसपी ने विधान परिषद सीट के लिए सपा को समर्थन देने का फैसला किया है। वर्तमान में बीएसपी के 19 और सपा के 47 विधायक हैं। दोनों को मिलाकर सदस्यों की कुल संख्या 66 होती है और ऐसी स्थिति में राज्यसभा के लिए एक सदस्य आसानी से चुना जा सकता है।
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