हिंदुस्तान का अमेरिका पर बड़ा झटका, भारत सरकार ने रूस से ही..

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उत्तराखंड ।। आर्मी के लिए हथियार खरीदने के बाद हिंदुस्तान अब रशिया को यूरो करंसी में भुगतान कर सकता है। दोनों देशों के बीच ये पेमेंट रूसी नामांकित बैंक के जरिए किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि हिंदुस्तान ये कदम मिलिट्री हार्डवेयर की खरीद पर अमरीकी प्रतिबंध से बचने के लिए उठा रहा है। बता दें कि वर्तमान में इंडियन एयर फोर्स के लिए s-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।

ऐसे में हिंदुस्तान की ओर से ये कदम अमेरिका की तल्खी से बचने के साथ-साथ रूस के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में होगा। हिंदुस्तान और रूस के बीच कई मौजूदा डिफेंस डील का पेमेंट रूपये-रूबल के जरिए किया गया है। इस मामले से जुड़े जानकारों ने बताया कि रूसी बैंक के VTB को इस बात के लिए सहमत किया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच डिफेंस खरीदारी के लिए यूरो के मद में लेन-देन हो सके।

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चालू वित्त वर्ष में रूस को हिंदुस्तान लगभग चार अरब डॉलर का पेमेंट करेगा, जिसमें S-400 मिसाइल सिस्टम का लेनदेन भी शामिल होगा। इसी साल हिंदुस्तान को च्रक III पनडूब्बी को भी लीज पर लेने के लिए पेमेंट करना होगा और इसमें इंडियन नेवी के लिए 4 युद्धपोत का पेमेंट भी शामिल है।

इसके अतिरिक्त, रूस से दो अन्य डील भी होने वाले हैं। इसमें सबसे पहला डील इंडियन आर्मी के लिए AK 203 राइफल को लेकर होना है, जिसे यूपी के अमेठी जिले में बनाया जाएगा। वहीं, दूसरी डील Ka-226 हेलिकॉप्टकर के लिए है। इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड-रूसी हेलिकॉप्टर के ज्वाइंट वेंचर हिंदुस्तान में ही तैयार करेगी।

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बिजनेस अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि VTB Bank यूरोपियन करंसी में पेमेंट करने के लिए तैयार है। भुगतान के लिए भारतीय बैंकों को भी चुना गया है, जिसका अमरीकी रुपयों में कुछ खास अनावरण नहीं है। बीते कुछ वर्षों में VTB Bank ने हिंदुस्तान में कई बड़े डील का पेमेंट करने में कामयाब रहा है। हाल ही में दिवालिया प्रक्रिया से बाहर निकली एस्सार स्टील है जिसमें इस बैंक ने 12 अरब डॉलर का निवेश किया था।

उल्लेखनीय है कि सेना के लिए हथियार समेत अन्य सामानों की खरीद को लेकर हिंदुस्तान ने पहले भी ये स्पष्ट कर दिया है कि वो आगे भी रूस से डिफेंस डील करता रहेगा। ऐसे में हिंदुस्तान पर अमेरिका द्वारा कूटनीतिक कदम उठाने का खतरा बढ़ गया था। इसके बाद कई वित्तीय संस्थान में इसमें पडऩे से बच रहे थे। अप्रैल 2018 में, जब अमरीकी विदेशी परिसंपत्ति नियंत्रण रूसी ट्रेडिंग कंपनी रोसोबोरोनेक्सपर्ट पर बैन लगाया था जब SBI ने अपना सभी लेनदेन बंद कर दिया था। SBI के इस कदम के बाद 2 अरब अमरीकी डॉलर ब्लॉक हो गए थे।

इन अड़चनों के लिए हिंदुस्तान अब वैकल्पिक रास्ता निकालने की तैयारी में है। हिंदुस्तान अब उन बैंकों की तरफ रुख कर रहा, जिनका अमरीकी डॉलर में बेहद कम पेमेंट होता है। बता दें कि अमेरिकी दबाव के बाद भी हिंदुस्तान ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वो रूसी कंपनी से ही S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए समझौता करेगा।

फोटो- फाइल

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