नई दिल्ली।। सोशल मीडिया पर अक्सर मक्का मदीना में शिवलिंग को लेकर तरह-तरह के पोस्ट आते रहते हैं।हालाँकि जब सोशल मीडिया का आगमन हुआ था, उस समय लोग इससे होने वाले फायदे गिना रहे थे। लेकिन बीतते समय के साथ-साथ पता चला कि सोशल मीडिया के जितने फायदे होने थे, उतने ही नुकसान भी हैं। सोशल-मीडिया से जहां एक तरफ लोग अपने मित्रों, यार-दोस्तों और जानने वालों के साथ-साथ अनजान लोगों को भी ज़रूरी बातें बताते हैं। तो वहीं यहां ऐसे लोगों की भी भरमार है जो भड़काऊ पोस्ट के साथ-साथ झूठी अफवाह भी फ़ैलाने में माहिर हैं।
सोशल-मीडिया पर ऐसे ही विशेष किस्म के लोगों के एक तबके ने सोशल-मीडिया पर एक ऐसी ही ताज़ा अफवाह वायरल दी है, जिसमें कहा गया है कि ”इतिहास में पहली बार मक्का मदीना के शिवलिंग को दिखाया गया है, सभी से अनुरोध है कि इसे शेयर अवश्य करें, ताकि सभी लोग देख सकें।” लेकिन इसके साथ ही हमारे देश में यह अब भी एक रहस्यमयी मुद्दा बना हुआ है कि मक्का मस्जिद में शिवलिंग है।
लेकिन जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही शिवलिंग की इस तस्वीर की सच्चाई सामने आयी तो सभी लोग हैरान रह गये। मक्का-मदीना में जिस शिवलिंग को लेकर अफवाहें उड़ाई जा रही थीं, हक़ीक़त में वह शिवलिंग राजस्थान की राजधानी जयपुर के विराटनगर की है। तस्वीर में दिख रहे इस शिवलिंग को भगवान शिव के रूप में ही उकेरा गया है। जिसका निर्माण काले पत्थर से हुआ है।
हमारे देश में समय-समय पर ऐसी अफवाहें उड़ाई जाती रहती हैं कि मक्का-मदीना में शिव जी को कैद करके रखा गया है। जो किसी हिंदू द्वारा गंगाजल डालने पर ही आज़ाद होंगे। जिसके बाद भगवान शिव अपनी तीसरी आंख खोलकर दुनिया को तहस-नहस कर देंगे। लेकिन सबसे खास बात ये है कि इस तरह की अफवाहें कोई हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि काफी पुराने समय से चली आ रही हैं। जिसका आज भी न तो किसी के पास जवाब है और न ही तर्क। इस बारे में भी कोई कुछ साफ-साफ नहीं बता पाता कि यह महज़ एक अफवाह ही है या फिर कोई रहस्य।