दिल्ली हाई कोर्ट से आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को झटका लगा है. अदालत ने पी. चिदंबरम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. पी. चिदंबरम को अभी जेल में रहना होगा. आपको बता दें कि हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कैथ ने अपने आदेश में कहा कि अगर इस स्टेज पर चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो 70 बेनामी बैंक एकाउंट समेत शेल कंपनी और मनी ट्रेल को साबित करना जांच एजेंसी के लिए मुश्किल हो जाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले चिदंबरम की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि चिदंबरम देश छोड़कर नहीं भागेंगे. हाई कोर्ट ने भी माना था कि चिदंबरम किसी पद पर नहीं हैं इसलिए वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते है और देश छोड़कर नहीं भाग सकते हैं.सीबीआई ने हाल ही में उनके तथा अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है जिनमें उनके बेटे कार्ति तथा कुछ नौकरशाह शामिल हैं.
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने ये तर्क देते हुए कहा कि जनहित में पी. चिदंबरम की जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है. इस अपराध के कारण आर्थिक रूप से देश का नुकसान हुआ है. बता दें कि दो दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने पी चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उनकी न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी.
आईएनएक्स मीडिया केस में पहली बार 21 अगस्त को सीबीआई ने पी. चिदंबरम को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद उन्हें 5 सितंबर को जेल भेज दिया गया था. पी. चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं. दरअसल, सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा लेने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संबर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मंजूरी में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी.