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new delhi.  कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात के बाद मंगलवार को भी pakistan की media में यह मुद्दा छाया रहा।हालांकि निष्पक्षता का दावा करने वाले वहां के ज्यादातर अखबार, tv,website और media संस्थानों ने अपनी सरकार की ही भाषा बोली।

उन्हें न इस मुलाकात के दौरान में बीच रखी गई शीशे की दीवार में अमानवीयता दिखी और न दोनों महिलाओं के कपड़े बदलवाने पर कोई सवाल उठाया गया।

 

कुलभूषण जाधव

 

कुलभूषण की मां और पत्नी की सुषमा स्वराज से मुलाकात

pakistan media ने इस मुलाकात को अपने देश की शानदार डिप्लोमेसी का प्रतीक बताया।  pakistan के the international news ने कुलभूषण की मां और पत्नी की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की खबर को प्रमुखता से ली।

वहीं लेखक और पत्रकार आमिर गौरी ने इस अखबार में लिखे अपने लेख में pakistan की डिप्लोमेसी की तारीफ की।  उन्होंने कहा कि pakistan ने क्रिसमस और जिन्ना के जन्मदिन जैसे पाक दिन को इस मुलाकात के लिए चुना।

 

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जाधव को फांसी देने से pakistan के लिए ठीक नहीं

बीच में मौजूद शीशे की दीवार और कैमरों को भी जरूरी बताया। उनका कहना था कि मुद्दा संवेदनशील है। इसलिए यह सब जरूरी है। द नेशन ने pakistan के विदेश मंत्रालय के उस बयान को प्रमुख से लिया जिसमें कहा गया कि जाधव को फांसी देने से pakistan के लिए ठीक नहीं होगा। उसे जीवित रहने से यह केस चलता रहेगा।

 

the express tribune ने जाधव के मुलाकात के लिए pakistan का शुक्रिया अदा करने की खबर प्रकाशित की। डॉन ने सुषमा और कुलभूषण के परिवार की मुलाकात को प्रमुख से प्रकाशित किया।

pakistan media ने भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हमले को भी जाधव के परिवार की मुलाकात से जोड़ा। कई अखबारों ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि यह हमारी मानवीयता पर भारत का जवाब है।

 

फोटो-फाइल

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