नई दिल्ली।। जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2013 में सोनिया गाँधी ने किया था। उसी रिफाइनरी प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम मोदी 16 जनवरी को बाड़मेर में फिर से करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि इस रिफाइनरी प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार ने तब घाटे का सौदा बता कर बंद करवा दिया था। इसे लेकर कांग्रेस मोदी पर हिंदू कार्ड से हमला बोल रही है।
इन सबसे अलग बाड़मेर में भाजपा सरकार की नींद उड़ा देने वाली राजनीति तब देखने को मिली, जब एक निर्दलीय विधायक के समर्थन में लोग बेरोजगारी, फसल ऋण माफी और एक सशक्त लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये लाखों की संख्या में रैली में पहुंचे। लोग ट्रेनों के अंदर और छतों पर बैठकर रैली में पहुंचे। ये लाखों की भीड़ किसी पार्टी खास की नहीं बल्कि खींवसर के निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की रैली के लिये जुटी।
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जाटों की इस भीड़ ने भाजपा की वसुंधरा सरकार को बेचैन कर दिया है। बता दें कि जसवंत सिंह के साथ किये व्यवहार से राजपूत पहले से ही नाराज हैं और अब जाटों की लाखों की भीड़ ने भी भाजपा के लिये परेशानी खड़ी कर दी है। बेरोजगारी और किसानों की कर्ज-माफी जैसे मुद्दों पर ये भीड़ जुटी है। हनुमान बेनीवाल ने भाजपा को ललकारा है कि मेरी इतनी भीड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैली में जुटाकर दिखायें।
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पूर्व सीएम अशोक गहलोत इस मामले पर भाजपा पर उन्हीं के हिंदू कर्म-कांड का हवाला देकर आरोप लगा रहे हैं कि एक जगह हुये मंत्रोच्चार के कार्यक्रम को रद्द कर फिर उसी जगह पूजा करना ठीक नहीं है।
इसको लेकर गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिखी है कि शिलान्यास की हुई योजना का दुबारा शिलान्यास करने आना आपके लिये सम्मानजनक नहीं है। जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी कहते हैं कि कांग्रेस ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम से महंगा करार किया था। हालाँकि चुनावी वर्ष में तेल रिफाइनरी के शिलान्यास ने कांग्रेस को भी सियासी फायदा नहीं दिया था अब ऐसे में भाजपा को देगी इसमें संदेह लग रहा है।