अजब-गजब ।। कैलाश पर्वत यूं तो माउंट एवरेस्ट से कम ऊंचा है लेकिन फिर भी यहां अभी तक कोई पर्वतारोही नहीं पहुंच पाया है। आखिर ऐसा क्या राज़ है जो यहां आने वाले पर्वतारोहियों के पांव रोक देता है। ये विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत नहीं लेकिन आज भी अजेय है।

क्या सच में भोलेनाथ आज भी अपने परिवार समेत कैलाश पर निवास करते हैं? कई रहस्यमई कहानियां अपने सीने में दबाए कैलाश पर्वत की कुछ कहानियां सुनी सुनाई हैं और कुछ तथ्य ऐसे हैं जिस पर नासा की भी बोलती बंद हो गई है। कई प्रयासों के बाद भी श्री कैलाश ऐसा पर्वत है जहां आज तक इंसान के कदम नहीं पड़े। माउंट एवरेस्ट से 2,200 मीटर कम इस पर्वत के अपने कुछ रहस्य हैं जो आज तक अनसुलझे हैं।
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भोलेनाथ का निवास स्थान माना जाने वाला कैलाश पर्वत हिंदू धर्म का सबसे पवित्र स्थल भी है। ऋषि मुनियों के अनुसार, भोले के निवास स्थान के रहस्य को जान पाना किसी के बस की बात नहीं फिर वो कितना भी बड़ा वैज्ञानिक ही क्यों न हो। तिब्बत मंदिर के धर्म गुरुओं के अनुसार, श्री कैलाश पर्वत के चारों और कोई अलौकिक शक्ति वास करती है।
माना जाता है कि इस अलौकिक शक्ति का इस्तेमाल कर आज भी कुछ तपस्वी आध्यात्मिक गुरुओं से संपर्क में रहते हैं। कैलाश पर्वत केवल अपनी अलौकिक शक्तियों के लिए ही नहीं बल्कि अपनी बनावट के लिए भी जाना जाता है।
लोग कहते हैं इसका चौमुखी आकार एक कंपास की तरह लगता है। यहां आकर कोई ‘दिशा सूचक’ भी सही से काम नहीं करता क्योंकि यह धरती का केंद्र माना जाता है। पूरी धरती पर यही एक जगह है जहां चारों दिशाएं आकर मिलती हैं। आपको यकीन नहीं होगा कि दुनिया की अन्य जगहों के मुकाबले कैलाश पर आकर समय तेजी से बीतने लगता है। वैज्ञानिक इसके पीछे के कारण का अभी तक पता नहीं लगा पाए हैं।
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