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नई दिल्ली।। पीएम मोदी की ‘उज्जवला योजना’ उनके महत्वाकांक्षी योजनाओं में गिनी जाती है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दे रही है। सरकार ने अब इस योजना को पूरे देश में फैलाने के लिये कमर कस ली है। सरकार अगले आम चुनाव से पहले हर गरीब को ही नहीं बल्कि हर SC व ST परिवार, दूरदराज के इलाकों व द्वीपों में रहने वालों, जंगली एरिया में रहने वाले, अति पिछड़े श्रेणी के परिवारों, घुमंतू परिवारों और यहाँ तक कि चाय बागानों में रहने वालों को भी LPG गैस कनेक्शन देगी। सरकार की मंशा के अनुसार यह काम मार्च-2020 तक पूरा हो जायेगा।
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वहीँ अब इस योजना को लेकर मोदी सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। सवाल यह है कि यह योजना मुफ्त कहाँ रह गयी? कहने को तो सरकार मुफ्त में गैस कनेक्शन दे रही है लेकिन अब इसके पीछे की कहानी भी समझ में आने लगी है। मार्च 2016 में लागू उज्ज्वला योजना के तहत 5 करोड़ गरीब परिवारों को सरकारी अनुदान पर LPG कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लक्ष्य को मार्च 2019 तक पूरा करने की बात भी कही गई थी। लेकिन अब इस योजना को बढ़कर मई 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक वर्ष 2011 के ‘समाजिक-आर्थिक-जनगणना’ के मुताबिक गरीबी-रेखा के नीचे वाले परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जा रहा था। लेकिन अब इस बाध्यता को खत्म किया जा रहा है। वर्ष 2016-2017 में गैस कनेक्शनों की संख्या 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ करने और इसके लिये चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 4800 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी। कैबिनेट के इस निर्णय पर पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा बताया गया था कि, ‘उज्ज्वला योजना’ अभी तक लक्ष्य से आगे चल रही है और भविष्य में भी इसकी रफ्तार तेज रहेगी।
सरकार की उज्ज्वला योजना की ‘मुफ्त’ गैस कनेक्शन का खेल अब आम जनता की समझ में आने लगा है। बता दें कि, फिलहाल सरकार का लक्ष्य है 8 करोड़ लोगों को मुफ्त LPG गैस कनेक्शन देने का। इस योजना में 8 करोड़ लोगों को कनेक्शन दिया गया जिसमें सरकार की तरफ से 16 सौ रूपये की छूट दी जा रही है। लेकिन पिछले 3 साल में सरकार ने घरेलू और व्यावसायिक LPG पर औसतन 50 से लेकर 130 रूपए प्रति सिलिंडर दाम भी बढ़ाये। भारत में इस समय 80 करोड़ उपभोक्ता गैस इस्तेमाल कर रहे हैं। इस हिसाब से प्रति गैस सिलिंडर पर पिछले लगभग 4 साल में औसतन 90 रूपए की वृद्धि की गयी।
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इस प्रकार सरकार को 80 करोड़ लोगों से 7200 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी हुई। यानि कहने को 8 करोड़ लोगों को मुफ्त में LPG कनेक्शन दिया गया और जिस पर छूट दिया सरकार ने 12800 करोड़ का। अब यहाँ सरकार का खेल देखिये, जहाँ एक ओर 8 करोड़ लोगों को मुफ्त में LPG कनेक्शन दिया गया वहीँ 80 करोड़ लोगों पर इसका अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया और प्रति सिलिंडर के हिसाब से सरकार को 72 सौ करोड़ की अतिरिक्त आमदनी हो गयी।
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अब सालभर में यदि कोई औसतन 12 सिलिंडर ले रहा है तो सरकार की 86400 रूपए की अतिरिक्त कमाई हुई। यानि एक तरफ सरकार 8 करोड़ लोगों को मुफ्त कनेक्शन देने का ढोंग करके जनता को मुर्ख बना रही है तो वहीँ दूसरी तरफ देश की 80 करोड़ जनता से 86400 करोड़ की अतिरिक्त वसूली करके मुफ्त में गैस कनेक्शन का ढिंढोरा पीट रही है और ये काम वो चुपचाप कर रही है जिसको किसी को पता ही न चल पाए।
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अब इस सूची से आगे निकलकर हर SC-ST, बेहद गरीब परिवारों और अंत्योदय व PM आवास योजना का फायदा लेने वाले परिवारों को भी इस योजना के तहत अनुदान पर LPG गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकारी तेल कंपनियों को गरीब परिवारों को एक LPG कनेक्शन के साथ-साथ एक LPG चूल्हा व गैस सिलेंडर के लिये 1600 रुपये सब्सिडी देना होता है। पहली बार LPG गैस कनेक्शन लेने पर पात्र परिवारों को कोई राशि नहीं देनी पड़ती।
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लेकिन बाद में गैस रीफिल लेने पर इन्हीं परिवारों को एक सामान्य ग्राहक की तरह गैस की कीमत देनी पड़ती है। इस वजह से बड़ी संख्या में ये ग्राहक रीफिल नहीं ले पा रहे थे। लेकिन अब रीफिल सिलेंडर लेने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। इस बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि उज्ज्वला योजना के तहत LPG गैस कनेक्शन लेने वालों में से 80 फीसदी ने दोबारा रीफिल सिलेंडर लिया है। जहाँ एक सामान्य परिवार एक साल में 7 गैस सिलेंडर इस्तेमाल करता है वहीँ उज्ज्वला योजना के तहत LPG गैस कनेक्शन लेने वाले 4 गैस सिलेंडरो का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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गरीबों की ये योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। कई प्रदेशों से उज्जवला गैस योजना में भ्रष्टाचार की भी खबरें आती रही हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा, लखनऊ, झांसी, अमेठी, रायबरेली, उधर बिहार में छपरा, समस्तीपुर, सिवान, आदि क्षेत्रों से योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की भी ख़बरें निकलकर आती रही हैं।
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केंद्र की भाजपा सरकार ने 1 मई 2016 को ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ शुरू की थी। इस योजना के तहत LPG गैस कनेक्शन के लिये पुराने BPL सूची में नाम होना अनिवार्य है। लेकिन इटावा में बिचैलियों की मिली भगत से इस योजना के तहत LPG कनेक्शन की कालाबाजारी की खबरें सामने आयी।
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सूत्रों की मानें तो इटावा क्षेत्र के सैकड़ों अपात्रों को इस योजना का लाभ उन लोगों को धडल्ले से मिल रहा है जिनका नाम पात्रता सूत्री में ही दर्ज नहीं है। इसके अलावा कई ऐसे लोगो को ‘सुविधा शुल्क’ लेकर इस योजना का लाभ दिया गया है, जिनके यहां पति, पत्नी व अन्य सदस्यों के नाम पहले से ही एक नहीं बल्कि परिवार में दो-दो गैस कनेक्शन हैं, फिर भी सूची में नाम हेर-फेर कर इस योजना के तहत गैस कनेक्शन का लाभ ले रहे हैं।
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