अंतिम संस्कार से ठीक पहले जिंदा हुआ ये शख्स, बोला- गलती से ले गए थे यमदूत

img

अजब-गजब ।। सामान्‍यत: मनुष्‍य की उम्र 70 से 80 वर्ष तक मानी जाती है, पर वहीं ऐसा भी होता है, कि कुछ मनुष्‍य अधिक दिन तक भी जीवित रहते हैं। पर इस दुनिया में कुछ भी संभव है, आज हम एक ऐसी घटना के संबंध में बताने जा रहे है, जो कि विज्ञान से भी परे है, जिसे सुन आप भी हैरानी में पड़ जायेगें।

आपको बता दें कि जब भी किसी इंसान के जीवन का अंतिम समय आता है तो मृत्यु के समय उसे दो यमदूत लेने आते है, पर क्या आपने कभी सुना है कि यमदूत गलती से किसी शख्स को ले गये है। कुछ ऐसी ही घटना पंजाब के बरनाला में घटित हुई। जहां पर एक युवक के साथ नजदीकी गांव पक्खोकलां के गुरतेज सिंह को चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, पर वह आठ घंटे बाद सही सलामत उठ खड़ा हुआ।

पढ़िए- omg!! कुंवारी बेटी के कब्र पर फूल चढ़ाने पहुंचे घरवाले, कब्र का नजारा देख उड़ गए होश

यह देखकर मां-बाप और पारिवारिक सदस्यों के होश ही उड़ गए। इसलिए अब परिजन पीजीआई के डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ईलाज के दौरान उनके मां बाप ने 4 लाख रूपये खर्च कर चुके थे।

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि 11 जनवरी को सुबह छह बजे डॉक्टरों ने गुरतेज को मृत करार दे दिया, पर उन्हें बेटे का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। हालांकि उन्हें उन डॉक्टरों का नाम नहीं पता, जिन्होंने गुरतेज को मृत घोषित किया।

पीजीआई से घर लाकर अंतिम संस्कार के लिए जब गुरतेज सिंह के कपड़े बदले जाने लगे तो पड़ोसी सतनाम सिंह को उसकी सांस चलने का आभास हुआ। इसके बाद तुरंत पास ही कैमिस्ट शॉप करने वाले एक व्यक्ति को बुलाया गया। उसने गुरतेज सिंह को चेक किया तो बताया कि गुरतेज की सांस चल रही है और उसका ब्लड प्रेशर भी नार्मल है।

इसी दौरान गुरतेज ने आंखें खोल दीं और बोलने की कोशिश की। इसके बाद परिजन गुरतेज को बरनाला सिविल अस्पताल लेकर गए। वहां ने डॉक्टरों ने उसका चेकअप कर उसे फरीदकोट के बाबा फरीद मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया।

फोटो- फाइल

Related News