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लखनऊ/दिल्ली ।। नशे के कारोबार और शौक को लेकर अब लोगों की जिंदगी दाव पर लगती जा रही है। एक ओर जहां इसकी जद में युवा और युवतियां काफी संख्या में आ रहे हैं, वहीं इसका कारोबार करने वाले पेट के अंदर ऑपरेशन करवाकर ड्रग की सप्लाई कर रहे हैं।

चौकाने वाली बात ये है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, हुक्का पीने से अब एड्स और अन्य सेक्स रोगों के बढ़ने की भी संभावना अधिक हो गई है। यह युवाओं और युवतियों को गिरफ्त में ले रहा है। इसकी शिकार सबसे अधिक कॉलेज या स्कूल जाने वाली छात्र और छात्राएं भी हो रही हैं।

कुछ लोगों का सोचना यह है कि हुक्का पानी सिगरेट से ज्यादा खतरनाक नहीं है, अगर आपकी सोच भी यही हैं, तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। हक्के से खींचा गया तंबाकू का धुआं पानी से होते हुए लंबे होज पाइप के जरिए फेफड़ों तक पहुंचता है।

लोग सोचते हैं कि पानी में आने के बाद हुक्के का धुआं हानिकारक नहीं रहता। वैसे भारत में आजकल हुक्का बार काफी पॉपुलर होते जा रहे हैं। यंगस्टर्स हुक्के के एक कश नहीं बल्कि हजार कश लेते हुए आपको दिख जाएंगे।

दिल्ली ही नहीं लखनऊ के कई इलाकों में हुक्का बार चल रहे हैं, जो युवाओं व स्कूली बच्चों को भी नशे का आदि बना रहे हैं। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दिल्ली राज्य तंबाकू नियंत्रण शाखा ने कई हुक्का बार पर छापेमारी भी की है पर कार्रवाई उससे आगे नहीं बढ़ पाई। लखनऊ में अभी यह कारोबार तेजी से फलफूल रहा है।

राज्य तंबाकू नियंत्रण शाखा हुक्का बारों को बंद करने में सफल नहीं हुआ है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में दिल्ली सरकार की राज्य नियंत्रण शाखा ने केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ा है। केंद्र व दिल्ली सरकार की एजेंसियों के बीच रार में हुक्का बार पर निर्णायक कार्रवाई नहीं हो पा रही है। 1इस मामले को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने राज्य तंबाकू नियंत्रण शाखा से इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

हुक्का पीने से हो सकती है ये बीमारी

  • सच तो यह है कि हुक्का पीना सिगरेट की ही तरह हानिकारक है, क्योंकि दोनों के अंत में कार्सिनोजन लगा होता है, जो कैंसर को न्योता देता है।
  • हुक्के की तम्बाकू में निकोटिन होता है, जो हुक्का पीने पर हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं। यह हानिकारक पदार्थ निकोटिन हाथ-पैरों की खून की नलियों में धीरे-धीरे कमजोरी व सिकुड़न पैदा करना शुरू कर देता है।
  • हुक्‍के का धुआं ठंडा होने के बाद भी नुकसान पहुंचाता होता है। इसमें कैंसर पैदा करने वाले एजेंट भारी मात्रा में होते हैं हांलाकि यह फेफडे़ को जलाता नहीं है।
  • आप जितनी बार भी हुक्‍के की पाइप को शेयर करेंगे। आपको उतनी ही बार संक्रमण, हर्पीस या अन्य बीमारियां फैलने का खतरा हो सकता है। हर्पीस यौन रोग पैदा करती है और उसे बढ़ाती भी है। यह जानलेवा बीमारी है। इसका कोई इलाज नहीं है।

फोटोः फाइल।

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