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यूपी किरण ब्यूरो

उत्तर प्रदेश/इलाहाबाद।। जब कोई किसान बैंकों से कर्ज लेता है और वह चुका नहीं पाता तो बैंक वाले उसका बैल खोल ले जाते हैं।

लेकिन जब कोई विधायक या सांसद बैंक से कर्ज लेता हैं तो या तो बैंक वाले उसे राइट ऑफ कर देते हैं या फिर उससे कर्ज का पैसा वापस लेने के लिए हाथ में बैनर लेकर धरना देते हैं और गांधीगिरी का रास्ता अपना लेते हैं।

ऐसा ही कुछ हुआ है यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद इलाहाबाद में। जहां पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों ने हाथ में बैनर पोस्टर लेकर भाजपा विधायक के पिता से कर्ज जमा करने की गुहार लगाई है।

पंजाब नेशनल बैंक वाले ये गांधीगिरी बीजेपी के विधायक हर्ष वर्धन बाजपेई के पिता और पूर्व राज्य मंत्री अशोक बाजपेई के खिलाफ कर रहे हैं।

2007 में इन्होंने प्रयाग गैस लिमिटेड के नाम से 65 करोड़ का लोन पंजाब नेशनल बैंक से लिया। जिसका उन्होंने अभी तक भुगतान नहीं किया है। उसी रकम की बरामदगी के लिए इन कर्मचारियों ने गांधीगिरी का ये रास्ता चुना है।

बुधवार को अफसरों और कर्मचारियों ने पूर्व विधायक अशोक बाजपेई के आवास पर गांधीगीरी की। इसकी अगुवाई स्वयं सर्किल हेड सुचरिता द्विवेदी ने की।

हालांकि अफसरों और कर्मचारियों ने आवास में प्रवेश नहीं किया। कर्ज वसूली का पोस्टर बैनर लेकर वे बाहर ही खड़े रहे। उनकी पूर्व विधायक से मुलाकात भी नहीं हुई। इसके विपरीत अशोक बाजपेई का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।

बाद में बैंक पहुंचकर उन्होंने अफसरों से वार्ता की। बैंक कर्मी उनके रामबाग और कीडगंज स्थित आवास पर पहुंचे थे। सुचरिता द्विवेदी ने बताया कि अशोक बाजपेई ने चित्रकूट में स्टील फैक्ट्री के लिए लोन लिया था।

कुल कर्ज 65 करोड़ रुपये है। अब वह खाता एनपीए में चला गया है। मुख्यालय के निर्देश पर शुरू अभियान के तहत अशोक बाजपेई के घर गए थे। पूर्व विधायक से उनकी मुलाकात नहीं हुई।

यह भी बताया कि मुख्यालय के निर्देश बाजपेई का पासपोर्ट रद्द करने के लिए भी लिखा गया है। सर्किल हेड ने बताया कि इस तरह का अभियान अन्य एनपीए खाताधारको के खिलाफ जारी रहेगा।

फोटोः फाइल

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