
लखनऊ ।। मुलायम सिंह यादव के बसपा समेत किसी भी पार्टी से गठबंधन के लिए इनकार करने के बाद भी रास्ता बंद नहीं हुआ है। अखिलेश यादव और मायावती के सकारात्मक रुख के बाद यूपी में सपा-बसपा के साथ आने के रास्ते खुल गए हैं। जल्द ही दिल्ली में अखिलेश यादव और भाजपा विरोधी धड़े के प्रमुख नेताओं की बैठकें होंगी। हालांकि इसे मुलायम के लिए एक झटका ही माना जा रहा है।
सवाल ये भी है कि अखिलेश यादव इस गठबंधन की अहमियत को समझते हैं। वह एक दर्जन से अधिक नेताओं के साथ दिल्ली में मुलाकात भी कर चुके हैं। उन्हें पता है कि यदि गठबंधन नहीं होगा तो डिम्पल यादव को लोकसभा जाना भी 2019 में मुश्किल हो जाएगा। साथ ही पार्टी को विरोधियों से बचाना मुश्किल होगा।
चुनाव में हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब भाजपा के खिलाफ दलों के साथ मिलकर गठबंधन के पक्ष में हैं। हालांकि अखिलेश यादव ने 11 मार्च को चुनाव का परिणाम आने के पहले ही मायावती को लेकर नरम रुख अपना लिया था। वहीं मायावती ने भी अम्बेडकर जयंती पर इसके संकेत दे दिए हैं।