योगी के अफसरों ने की ये लापरवाही, गरीबो का जीना हुआ दूभर

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यूपी किरण ब्यूरो

उत्तर प्रदेश/जगदीशपुर।। जगदीशपुर पुलिस पर नहीं योगी सरकार के आदेश का कोई असर बेलगाम पुलिस ने आखिरकार गरीब परिवार पर दबंगो द्वारा कहर बरपवा ही दिया।

काफी दिनों से पीड़ित कलीम शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाता रहा, किन्तु किसी भी अधिकारी ने पीड़ित कलीम की एक न सुनी। अगर अधिकारी दिये होते ध्यान तो न घटती आज यह घटना।

मामला थानाछेत्त जगदीशपुर के मुजाहिदखानी मौजा कचनाव का है। पीड़ित कलीम का आरोप है कि बिपछी कई दिनों से उसके रास्ते में गाड़ी बन्दी कर रहे थे तथा उसको देखते ही धावा बोलते थे। जिससे उसका बाहर निकला मुस्किल हो गया था।

किसी तरह वह थाने पर जाकर पूरी बात एसओ से बताई व प्रार्थना पत्र दिया। पीड़ित को पुलिस ने गाली देकर थाने से भगा दिया। जिसकी शिकायत करने पीड़ित कलीम एस पी अमेठी से मिलकर की। 

पीड़ित कलीम की बात सुनकर एस पी ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये, किन्तु एस ओ ने पीड़ित का मुकदमा दर्ज नहीं करवाया। जबकि दबंगों ने उसके घर पर छायी चद्दर व दरवाजे पर बना शौचालय तोड़ डाला था।

पुलिस की कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से दबंगों का मनोबल और भी बढ़ गया और दबंगो ने पीड़ित सहित पूरे परिवार वालों को लाठी डन्डा व कुल्हाड़ी से जमकर इस कदर मारा पीटा।

कि लोग जिन्दगी और मौत से जिला चिकित्सालय सुलतानपुर में जूझ रहे है और दबंग गांव में उसके भाई के घर पर कब्जा कर रहे है और जगदीशपुर पुलिस कुम्भकर्णी नींद सो रही किसी और बड़ी घटना का इन्तजार कर रही है।

इसके पहले भी दबंगो ने उसके घर पर धावा बोलकर जमकर मारा पीटा गया था। जिसमें महिला का हाथ तोड़ते हुए एक आंख फोड़ दी गई थी व एक पुरूष को मरा समझ कर छोड़ा था और उसके सिर में 36 टांके लगे थे, किन्तु पुलिस ने हल्की धाराए लगा कर मामले को समाप्त कर दिया था।

तब से दबंगों के हौसले और बुलन्द हो गये जबकि कार्यवाही के नाम पर तत्कालीन थानाध्यक्ष व सिपाही ने पीड़ित कलीम को न्याय दिलाने के नाम पर मोटी रकम भी वसूल की गयी थी और उसका काम भी नहीं किया गया था। बाद में पीड़ित कलीम ने दी गयी रकम वापस मांगी।

जिसे थानाध्यक्ष ने वापस नहीं किया। तब पीड़ित न्यायालय मे उपरोक्त पुलिस कर्मियों पर मुकदमा कर दिया जिसमें न्यायालय में सोमवार को जज साहब ने आदेश में लगा दिया,

जिसमे कई दिनों से पुलिस ने पीड़ित कलीम पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे किन्तु उसने मुकदमा वापस लेने से इनकार कर दिया था।

हालांकि आरोपित थानाध्यक्ष तो अमेठी पुलिस लाइन में है किन्तु सिपाही आज भी जगदीशपुर थाने में पोस्टेड है इतना सब कुछ होने के बाद भी जगदीशपुर पुलिस के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जिससे गरीब का जीना हुआ दूभर हो गया है।

फोटोः फाइल

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