यूपी किरण ब्यूरो
नई दिल्ली।। मोदी सरकार 5 सालों में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है। अगर वे ऐसा कर भी लेती है तो इससे किसानों को ज्यादा फायदा नहीं होगा। नैशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक किसान परिवार की सिर्फ खेती से मासिक आय महज 3,081 रुपये है।
अगर यह आय एकदम दोगुनी यानी होती है तो 6,162 रुपये हो जाएगी, तब भी शायद इससे जरूरी खर्च पूरे न हो पाएं। यही नहीं देश के 17 राज्यों में तो यह हालात नैशनल एवरेज से भी कम नहीं है। जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है, उसको देखते हुए किसानों के लिए परिवार का भरण-पोषण करना वाकई मुश्किल होगा।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार किसान की हर महीने खेती और और सहायक व्यवसायों से 6,426 रुपये आय होती है। जबकि, उसके खर्च की बात वह औसतन 6,223 रुपये खेती संबंधी कार्यों में ही खर्च कर देता है।
इसमें से 33 फीसदी कृषि मशीन पर उपकरणों पर, पशुधन पर 18 फीसदी और 42 फीसदी कृषि व्यवसाय से संबंधित व 7 फीसदी अन्य पर खर्च कर देता है। इस तरह वह बमुश्किल हर महीने 203 रुपये ही बचा पाता है।
मौजूदा समय में महंगाई से लड़ने में सबकी हालात खराब है। अगर सरकार के कृषि संबंधी 5 साल के प्लान की बात की जाए तो मामला ज्यादा बनता नजर नहीं आता। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-10 में एक क्विंटल धान उगाने में 850.50 रुपये खर्च आता था।
जबकि, इसके बदले किसान को मिला मात्र 1310 रुपये प्रति क्विंटल। यानी उसके जेब में कुछ ही ज्यादा रुपये आये। अगर बढ़ती महंगाई से इसकी तुलना करे तो तस्वीर साफ हो जाती है कि किसानों को ज्यादा कुछ नहीं मिला।
फोटोः फाइल
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