वन निगम: नौकरी के दरम्यान नाम बदला-जन्मतिथि घटाई, घपलों को दे रहा अंजाम फिर भी योगी सरकार मौन

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लखनऊ। वन निगम के श्रावस्ती में तैनाती के दौरान एक अफसर ने पहले सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम बदलवाया। फिर उसी तरह अपनी जन्मतिथि में 10 साल का इजाफा करा लिया। अपने फर्जीवाड़े के दम पर यह अफसर वर्तमान में मलाईदार पद पर तैनात है। मजे की बात यह है कि यह सब वन मंत्री दारा सिंह चौहान की नाक के नीचे हो रहा है। वह भी तब जब पूरा मामला उनके संज्ञान में है।

विभागीय जानकारों का कहना है कि इस अफसर को देवेंदर सिंह के नाम से निगम में नियुक्ति मिली। निगम के नटवरलाल अफसरों में शुमार सिंह जब श्रावस्ती में डीएसएम (डिवीजनल सेल्स मैनेजर) के पद पर तैनात हुआ तो उसने अपना नाम सरकारी दस्तावेजों में बदलवाकर दविंदर सिंह करा लिया और ठीक उसी तरह अपनी जन्मतिथि भी 10 साल कम करा ​ली। हैरानी की बात यह है कि इस अंधेरगर्दी के बाद भी निगम का कोई अफसर उसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस नहीं कर सका। विभागीय मंत्री ने भी चुप्पी साध रखी है।

इसकी शिकायत राजेश कुमार शर्मा ने शासन तक की थी। जिसमें उन पर सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी का गंभीर आरोप लगाया था। प्रकरण की गंभीरता और साक्ष्यों को देखते हुए प्रबंध निदेशक वन निगम ने एक जीएम स्तर के अधिकारी को इस मामले की जाँच सौंप दी है।शिकायतकर्ता का दावा है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच होने पर निगम के कई अधिकारियों के साथ-साथ दविंदर सिंह पर गबन का आरोप साबित हो जायेगा।

खरीददारी में गबन का आरोप

शिकायतकर्ता ने देवेंद्र सिंह उर्फ दविंदर सिंह पर निगम की खरीददारी में गबन का भी आरोप लगाया है। शिकायत के मुताबिक दविंदर सिंह की मुरादाबाद तैनाती के दौरान 28 जून को निगम के कर्मचारी सोमपाल को नजीबाबाद से दिल्ली भेजा जाता है। सोमपाल दिल्ली जाकर 28 जून को ही तीन अलग फर्मों के कोटेशन इकट्ठा करता है। फिर तीनों कोटेशन लेकर वो 28 जून को वापस नजीबाबाद पहुँचता है और 28 जून को ही कार्यालय में कोटेशन प्रस्तुत कर देता है। उसके बाद 28 जून को ही डीएसएम दविंदर सिंह उस कोटेशन पर कार्यवाई करते हुए वित्तीय स्वीकृति के लिए RM मेरठ क्षेत्र को भेज देते हैं।

कर्मचारी को कागजों में ही भेजा गया दिल्ली

चौंकाने वाली बात ये है कि निगम के जिस कर्मचारी सोमपाल को 28 जून को
दिल्ली भेजा गया था असल में वो दिल्ली गया ही नहीं था। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कर्मचारी सोमपाल सिंह 27 जून की रात में नजीबाबाद से लखनऊ हेड ऑफिस के
लिए चलकर अगले दिन यानि 28 जून को लखनऊ वन निगम मुख्यालय शासकीय
कार्य से आया और 28 जून की रात में लखनऊ से चलकर वापस नजीबाबाद 29 जून
को पहुंचा। इस मामले जब आरोपी दविंदर सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया
कि ये मामला उनकी पूर्व तैनाती से सम्बंधित है। उन्हें अभी कुछ याद नहीं है। वो
रिकॉर्ड देखकर ही बता पाएंगे। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब उक्त कर्मचारी 28 जून को लखनऊ वन निगम मुख्यालय पर उपस्थित था तो ऐसे में वो 28 जून को नजीबाबाद से दिल्ली कैसे जा सकता है। दविंदर सिंह इस समय बहराईच में DSM के पद पर कार्यरत हैं जहाँ उनके ऊपर रिकॉर्डों में हेराफेरी को लेकर जाँच प्रचलित है वहीँ इस नए खुलासे ने DSM दविंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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