लखनऊ ।। सेक्स स्कैंडल के जाल में फंसे संजय जोशी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम के दौरान भी कहीं और ही व्यस्त हैं। वह आजकल मीडिया संगठन के कार्यक्रम में देखे जा रहे हैं। उन्होंने 5 मार्च को नई दिल्ली में एक मीडिया संगठन के कार्यक्रम के दौरान दर्जनों लोगों को पुरस्कार बांटे। हालांकि पुरस्कार लेने वाली महिलाओं में ज्यादातर गुजरात की ही थीं। कार्यक्रम के दौरान सियासत पर कुछ भी बोलने से जोशी बचते हुए दिखाई दिए।
ऑल मीडिया काउंसिल से अध्यक्ष ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा हैं। उन्होंने कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अजय टमटा को भी बुलाया था, संजय जोशी तो वहां पहुंचे, टमटा कार्यक्रम में नहीं आए।
गौरतलब है कि संजय जोशी आरएसएस प्रचारक और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। गुजरात में एक महिला के साथ कथित तौर पर सेक्स रैकेट में उनका नाम और सीडी आने के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जैसे-तैसे क्लीनचिट भी मिल गई, लेकिन इस क्लीनचिट मिलने के पीछे आरएसएस प्रचारक के तौर पर उनकी ऊंची पहुंच को बताया जाता है।
दिल्ली में ‘ऑल मीडिया काउंसिल अवार्ड 2017’ नाम के एक कार्यक्रम में जोशी मुख्य अतिथि की भूमिका में थे। उनके हाथों से ही 4 दर्जन से अधिक लोगों को पुरस्कार बांटे गए। इस दौरान एक वर्ग विशेष के लोग भी मौजूद रहे।
भले ही गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जोशी ने अधिक दिनों तक काम किया है, लेकिन जोशी की इसी छवि की वजह से मोदी की टीम में जोशी कभी भी शामिल नहीं हो पाए। वह आज भी मोदी के कट्टर विरोधियों में गिने जाते हैं। चुनाव के समय भी जोशी को कोई जिम्मेदारी न मिलना बताता है कि वह भाजपा में आजकल हाशिए पर हैं।
फोटोः नई दिल्ली में ऑल मीडिया काउंसिल के स्थापना दिवस समारोह में पुरस्कार बांटते हुए संजय जोशी।
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