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देश इस समय स्वतंत्रता दिवस के रंगों से सराबोर है। सभी जगहों पर समारोह की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन मणिपुर की स्थिति अलग है। मणिपुर में पिछले कई महीनों से हालात चिंताजनक हैं। 3 मई से मणिपुर में भारी हिंसा शुरू हुई और कई हफ्तों तक चली। स्थिति यह है कि इस बार संसद में मणिपुर सबसे प्रमुख मुद्दा रहा और अभी भी मणिपुर में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर में स्वतंत्रा दिवस से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की गश्त को बढ़ा दिया गया है। वहीं 15 अगस्त के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य में पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस मुस्तैद है।

अफसरों के मुताबिक, प्रदेश में पुलिस और सुरक्षाबलों को स्वतंत्रता दिवस समारोह सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए गश्त और वाहनों की जांच बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

मणिपुर में सबसे चिंता की बात यह है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के बहिष्कार और बंद को लेकर प्रमुख उग्रवादी संगठन ने ऐलान किया है। इसी हफ्ते की शुरुआत में इंफाल घाटी स्थित उग्रवादी संगठनों के समूह समन्वय समिति कोर कॉम ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया था। इसने लोगों से घर के अंदर रहने और तिरंगा नहीं फहराने का भी ऐलान किया। 

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