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मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए तमाम कोशिशें सरकार कर रही है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मणिपुर में हिंसा लगातार जारी है। 

आलम यह है कि खुद गृहमंत्री अमित शाह इसे रोकने के लिए बैठक कर चुके हैं और मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने भी हाल ही में दिल्ली आकर अमित शाह से इस संबंध में मुलाकात की थी। केंद्र सरकार तमाम केंद्रीय सुरक्षा बलों को यहां तैनात कर चुकी है और राज्य की पुलिस भी पूरी तरह मुस्तैद है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर उपद्रवी हिंसा करने के बाद कहां छिप जाते हैं? आईये जानते हैं इसका जवाब,

पहले हिंसा की स्थिति की बात करें तो हिंसा पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल और पुलिस तामेंगलोंग, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर, कांग, चिंग जिलों में ज्वाइंट ऑपरेशन चला रहे हैं।

हिंसा करने के बाद यहां छिप जाते हैं उपद्रवी

पुलिस के मुताबिक हिंसा फैलाने के बाद लोग भागकर गांवों और बंकरों में छिप जाते हैं। रविवार को हिल और वैली दोनों जगहों पर ऐसे 12 बंकरों को नष्ट किया गया। हिंसा को देखते हुए राज्य में रविवार देर रात 30 जून तक इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया। सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्रालय ने हिंसा में अब तक 131 लोगों की मौत की जानकारी दी है। वहीं 419 लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में अभी तक आगजनी की 5000 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। लगभग छह हज़ार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36,000 सुरक्षाकर्मी और 40 आईपीएस फिलहाल तैनात किए जा चुके हैं। 

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