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Up Kiran, Digital Desk: भारत में अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अभी भी अधिकतर लोग इसके शुरुआती संकेतों को हल्के में ले रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, यह बीमारी चुपचाप शरीर में घर बना लेती है और जब तक पहचान होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। अस्थमा अब केवल एक हेल्थ प्रॉब्लम नहीं, बल्कि एक सामाजिक और पब्लिक हेल्थ संकट बनता जा रहा है।

हल्की खांसी या सीने में जकड़न? हो सकता है ये अस्थमा की चेतावनी!

कई बार लोग हल्की खांसी, सांस लेने में दिक्कत या सीने में टाइटनेस को मामूली समझते हैं, जबकि ये संकेत अस्थमा के हो सकते हैं। भारत में करीब 3.5 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, और हर साल ये संख्या बढ़ती जा रही है। अस्थमा दरअसल फेफड़ों की क्रॉनिक स्थिति होती है, जिसमें सांस की नलियों में सूजन और बलगम भरने के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

जानिए अस्थमा के ये आम पर खतरनाक लक्षण

अगर आपको या किसी अपने को ये लक्षण नज़र आएं, तो सतर्क हो जाइए:

सीने में कसाव महसूस होना

चलने या बात करने पर सांस फूलना

नींद में बार-बार खांसी आना

सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज

बार-बार बेचैनी और घबराहट

गहरी सांस लेने में तकलीफ

तनाव या पैनिक अटैक जैसे लक्षण